आपके घर के ही किसी कोने में छुपी है आपकी बंद किस्मत की चाबी

punjabkesari.in Sunday, May 03, 2015 - 08:28 AM (IST)

आपको पता नहीं होगा कि आपके ही घर में एक कोना ऐसा भी है जहां आपके बंद किस्मत के ताले की चाबी है। वास्तु के अनुसार आपके घर का एक कोना ऐसा होता है जो आपको हर जगह सफलता देने वाला होता है। इसके लिए आपका पूरा घर वास्तु शास्त्र के अनुरूप होना चाहिए। अगर घर वास्तुशास्त्र के अनुरूप नहीं होता है तो घर वालों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तु के अनुसार घर में ईशान्य कोण को पूजन करने के लिए, भगवान की मूर्ति स्थापना के लिए या भगवान की तस्वीर लगवाने के लिए सबसे उत्तम कोना माना गया है। यही वो कोना है जो आपकी हर मुराद पूरी कर देगा।

वास्तविकता में इसका मुख्य कारण यह है कि ईशानकोण यानी उत्तर पूर्वी कोने को वास्तु पुरूष का सिर माना गया है तथा ईशान धन कुबेर का स्थान है इसलिए घर के उत्तर-पूर्वी कोने को वास्तु के अनुसार सात्विक ऊर्जाओं का प्रमुख स्त्रोत माना गया है। ईशान्य कोण का अधिपति शिव को माना गया है। ईशान्य कोण घर के सभी अन्य क्षेत्रों से नीचा होना चाहिए। ऐसे घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है बाद में ये ऊर्जाएं पूरे घर में फैल जाती हैं। साथ ही उत्तर-पूर्व बृहस्पति की दिशा है। बृहस्पति ग्रह जीवन का कारक है। बृहस्पति को ज्योतिष के अनुसार धर्म व आध्यात्म का कारक ग्रह माना गया है। इसीलिए अगर घर के इस कोने में पूजा का स्थान हो तो ये कोना ऐसा है जहां आपके बंद किस्मत के ताले की चाबी छुपी हुई है।

यदि किसी भवन में ईशान दिशा में कोई दोष है जैसे- ईशान कोण कटा हुआ है, यहां शौचालय, रसोई या अन्य कोई दोष है तो इसके लिए नीचे लिखे उपाय करने चाहिए।

ईशान दिशा में पीले रंग के बल्व का उपयोग करें।

गुरु-पुष्य नक्षत्र में घर के मुख्यद्वार पर मौली में तीन दाने 5 मुखी रुद्राक्ष लटकाएं।

ईशान कोण के स्वामी भगवान शिव है। ईशान कोण में पारद शिवलिंग स्थापित करें।

तर्जनी अंगुली में सोने का छल्ला धारण करने से भी ईशाण कोण का दोष दूर होता है।

घर के देवालय में किस दिशा में बैठाने चाहिए कौन-से देवी-देवता: शास्त्रानुसार" ऐशान्यां देव मन्दिरं" अर्थात घर में देवालय या देव मन्दिर ईशान कोण में होना चाहिए और देवताओं की स्थापना इस तरह होनी चाहिए कि उनके मुख मण्डल पश्चिम दिशा में रहें।

बीच में भगवान गणेश की स्थापना करें।

गणेश के बाएं हाथ पर भगवान विष्णु की स्थापना करें। 

गणेश के दाएं हाथ पर भगवान शंकरकी स्थापना करें।

भगवान विष्णु के बाएं हाथ पर सूर्यदेवकी स्थापना करें।

भगवान शंकर के दाएं हाथ पर देवी की स्थापना करें।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


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