पारिवारिक सदस्यों में शारीरिक विकलांगता की स्थितियां पैदा करता है ऐसा वास्तु

Friday, Apr 24, 2015 - 10:28 AM (IST)

यहां पर कुछ ऐसे वास्तुदोषों की जानकारी दि जा रही है जिनके कारण ही पारिवारिक सदस्यों में शारीरिक विकलांगता की स्थितियां पैदा होती हैं।

१ उत्तर, पूर्व दिशा एवं ईशान कोण का कटा, घटा या गोल होना स्वास्थ्य के लिए काफी अशुभ होता है। इसके विपरीत इन दिशाओं का बढ़ा होना काफी शुभ होता है। भवन का ईशान खराब हो तो वहां पैदा होने वाले बच्चे विकलांग या मंदबुद्धि होकर अल्पायु होगें, साथ ही गृहस्वामी के बड़े बेटे को काफी मानसिक व शारीरिक परेशानियां होगीं।

२ ईशान भाग ऊंचा होने पर शारीरिक विकलांगता होने के हालात बनते हैं। इसके साथ-साथ संतान हानि और धनहानि होने की संभावना बनती है।

३ घर का ईशान कोण गोल होने पर वहां रहने वाले परिवार के किसी सदस्य को मानसिक बीमारियां जैसे उन्माद, विक्षिप्तता या पागलपन की सम्भावना रहती है।

४ यदि किसी भवन एवं भवन के आस-पास की चारदीवारी का ईशान घट जाए तो पुरुष संतान की प्राप्ति न होगी। यदि होगी तो वह विकलांग या मंदबुद्धि होकर अल्पायु होगें। यदि केवल चारदीवारी का ईशान कोण भले सही हो पर भवन का ईशान कोण लुप्त हो जाए तो वहां रहने वाले परिवार में संतान हानि की सम्भावना प्रबल हो जाती है।

५ यदि किसी घर की पूर्व दिशा में भवन ऊंचा हो या कूड़ा, कचरा, पत्थरों या मिट्टी के टीले हो तो आंखों की बीमारी, लकवा इत्यादि की शिकायत रहती है, साथ ही संतान हानि होने की संभावना भी रहती है।

६ घर का वायव्य कोण 90 डिग्री से ज्यादा हो। वायव्य कोण उत्तर दिशा में बढ़ा हुआ होगा और दक्षिण नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होता है तो उस घर में मंदबुद्धि कन्या संतान होने की सम्भावना होती है।

७ यदि किसी घर का उत्तरी वायव्य दक्षिण आग्नेय से ऊंचा हो तो कब्ज, उदर, तिल्ली, आंत विकार जैसे रोगों से परेशानियां होती हैं। घर की कन्याएं मानसिक व शारीरिक रुप से अस्वस्थ रहती हैं।

- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा

thenebula2001@yahoo.co.in

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