भविष्य की आहट को पहचानें अपने सपनों से

Thursday, Apr 23, 2015 - 11:19 AM (IST)

स्वप्न फल अति विस्तृत विषय है और आवश्यक नहीं कि प्रत्येक स्वप्न का फल विशेष हो अथवा भविष्य से संबंध रखता हो। कई स्वप्न हमारी पाचन प्रणाली से संबंधित होते हैं जो प्राय: रात्रि 2 बजे से पहले आते हैं क्योंकि उस समय तक रात्रि का भोजन अभी आमाशय में पचा नहीं होता तथा वात प्रवृत्ति का होता है। इस समय आकाश में घूमने, काले रंग, आंधी, गंदे जल आदि के स्वप्न दिखाई देते हैं।

जो व्यक्ति स्वप्न में सिंह-घोड़ा-हाथी-बैल, घोड़ों से जुड़े रथ देखता है, वह नि:संदेह अल्पकाल में उन्नति पद, प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। स्वप्न में फल, फूल खाते, सूंघते देखने वाला व्यक्ति धनवान होता है। देव मूर्त, देव दर्शन, आलौकिक प्रकाश अति शुभ एवं भाग्योन्नति का सूचक होता है।

शुभ स्वप्न : अंगूठी पहनना, आम का वृक्ष देखना, अर्थी देखना (रोग मुक्ति),

आकाश देखना, आंवला खाना, अपने को मृत देखना, आत्महत्या करना (दीर्घायु)

इमारत बनाना, इमली खाना (पुत्र प्राप्ति) 

इंद्रधनुष (परिवर्तन) कंघी करना, कबूतर देखना, काला नाग देखना (सम्मान)

ऊंचाई पर चढऩा, तैरते हुए देखना (तरक्की)

तोता देखना (धन लाभ) ताली बजाना (खुशी मिलना)

कमल पुष्प देखना (अति शुभ)

कोयल बोलती देखना, खरबूजा देखना (शुभ)

अशुभ स्वप्न : अतिथि (विपत्ति) 

अग्नि, आलू देखना, आप्रेशन होते देखना (रोग)

ऊंट देखना (अंगघात)

कैंची चलाना (व्यर्थ विवाद)

कौआ देखना, भिखारी देखना (असुखद समाचार)

कोयला, कीचड़ में फंसना, ग्रहण देखना, गर्भपात, छड़ी देखना (यात्रा)

चादर, चांदी के जेवर (संबंध विच्छेद)

जादूगर देखना (छल)

पौधे की जड़ काटना या देखना (संकट)

झाड़ू देखना, डाक्टर, वैद्य से मिलना, डोली, डाकू देखना (धन हानि)

प्रत्येक व्यक्ति के निजी व्यक्तिगत अलग-अलग तरह के स्वप्न होते हैं। अशुभ स्वप्न आने पर नींद खुलने पर भगवद् नाम का जाप करें। श्री हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करें, प्रात: गाय को हरा चारा, चने की दाल, गुड़ चराएं, शिव अभिषेक कराएं। पितरों के स्वप्न आते हों तो हर अमावस को ब्राह्मण को घर बुला कर दोपहर को आदर से खाना खिलाएं।

 -ज्योतिष मर्मज्ञ भगतराम हांडा

Advertising