अनचाहे खर्च से बचना चाहते हैं तो घर के मंदिर में लाएं थोड़ा बदलाव

Thursday, Apr 09, 2015 - 12:51 PM (IST)

देवी लक्ष्मी धन की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनके आशीर्वाद के बिना धन की प्राप्ति होना असंभव है। घर में लक्ष्मी देवी की कृपा बनी रहे इसलिए लोग अपने घर के मंदिर अथवा तिजोरी में उनकी प्रतिमा रखते हैं या उनके चित्र से घर की दिवारों को सजाते हैं। 
 
जिस घर में विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है वहां सभी दैवीय शक्तियां अपना स्थायी बसेरा बनाती हैं। घर के पूजा घर से संबंधित छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखने से पूजन का श्रेष्ठ फल तो प्राप्त होता ही है साथ ही महालक्ष्मी स्वयं आपके द्वार आकर घर में धन-धान्य की वर्षा करती हैं।
 
यदि विधि विधान के अनुसार देवी लक्ष्मी का चित्र अथवा प्रतिमा स्थापित न की जाए तो घर में धन आगमन का मार्ग बाधित हो जाता है और अनचाहे खर्च आते रहते हैं। केवल देवी लक्ष्मी ही नहीं बल्कि अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी शास्त्र अनुसार ही रखना चाहिए। 
 
जब भी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित करें उन्हें एक दूसरे के आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए। न ही घर में एक से अधिक लक्ष्मी माता की प्रतिमा या तस्वीर है तो दोनों को एक दूसरे के आमने सामने नहीं रखें।
 
गोबर में लक्ष्मी का वास होने से इसे ''गोवर'' अर्थात गौ का वरदान कहा जाना ज्यादा उचित होगा। गोबर से लीपे जाने पर ही भूमि यज्ञ के लिए उपयुक्त होती है। गोबर से बने उपलों का यज्ञशाला और रसोई घर, दोनों जगह प्रयोग होता है। मान्यता है जिस जगह को प्रतिदिन गाय के गोबर से लीपा पोता जाता है वह जगह हमेशा पवित्र रहती है और उस स्थान में मां लक्ष्मी सर्वदा निवास करती हैं। ऐसे घर को धन-दौलत से समृद्ध करती हैं मां लक्ष्मी।
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