विचार करें! लोग आपकी इज्जत करते हैं या फिर आपके धन की

Wednesday, Mar 25, 2015 - 10:39 AM (IST)

बहुत पुरानी बात है। किसी गांव में एक सेठ रहता था। उसका नाम था मुन्ना लाल। वह जब भी गांव के बाजार से निकलता था तब लोग उसे दुआ-सलाम करते थे। वह उसके जवाब में मुस्करा कर अपना सिर हिला देता था और बहुत धीरे से बोलता था कि घर जाकर बोल दूंगा। एक बार किसी परिचित व्यक्ति ने सेठ को यह बोलते हुए सुन लिया तो उसने सेठ से पूछा सेठ जी, आप ऐसा क्यों बोलते हो कि घर जाकर बोल दूंगा।

तब सेठ ने उस व्यक्ति को कहा, ‘‘मैं पहले धनवान नहीं था, उस समय लोग मुझे ‘मुन्ना’ कह कर बुलाते थे और आज मैं धनवान हूं तो लोग मुझे मुन्ना लाल सेठ बुलाते हैं। यह इज्जत लोग मुझे नहीं धन को दे रहे हैं, इसलिए मैं रोज घर जाकर तिजोरी खोलकर लक्ष्मी जी (धन) को यह बता देता हूं कि आज तुम्हें कितने लोगों ने नमस्ते व सलाम किया। इससे मेरे मन में अभिमान या गलतफहमी नहीं आती कि लोग मुझे मान या इज्जत दे रहे हैं। इज्जत सिर्फ पैसों की है, इंसान की नहीं।’’

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