कुछ खो गया है तो उसे पाने के लिए आपकी मदद करेगी यह कहानी

Tuesday, Mar 17, 2015 - 04:29 PM (IST)

एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गई। वैसे तो घड़ी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था। 

उसने खुद भी घड़ी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में, पर तमाम कोशिशों के बाद भी घड़ी नहीं मिली। उसने निश्चय किया कि वह इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने आवाज लगाई, ‘‘सुनो बच्चो, तुममें से जो कोई भी मेरी खोई हुई घड़ी को खोज देगा उसे मैं 100 रुपए ईनाम में दूंगा।’’

फिर क्या था, सभी बच्चे जोर-शोर से इस काम में लग गए। वे हर जगह की खाक छानने लगे, ऊपर-नीचे, बाहर, आंगन में, हर जगह, पर घंटों बीत जाने पर भी घड़ी नहीं मिली।  अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान को भी यही लगा कि घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके पास आया और बोला, ‘‘काका मुझे एक मौका और दीजिए, पर इस बार मैं यह काम अकेले ही करना चाहूंगा।’’ 

किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घड़ी चाहिए थी, उसने तुरंत हां कर दी।  लड़का एक-एक करके घर के कमरों में जाने लगा और जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी।  

किसान घड़ी देखकर प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा, ‘‘बेटा, कहां थी यह घड़ी और जहां हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला?’’ 

लड़का बोला, ‘‘काका मैंने कुछ नहीं किया, बस मैं कमरे में गया और चुपचाप बैठ गया तथा घड़ी की आवाज पर ध्यान केन्द्रित करने लगा। कमरे में शांति होने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई दे गई, जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और अलमारी के पीछे गिरी यह घड़ी खोज निकाली।’’

जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूंढने में मददगार साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें जीवन की जरूरी चीजें समझने में मददगार साबित होती है। 

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