क्यों सजाया जाता है बांस से मण्डप?

Monday, Feb 09, 2015 - 08:36 AM (IST)

बांस का पौधा अधिकतर जंगलों में पाया जाता है क्योंकि आकार में यह बहुत लंबा होता है इसलिए इसे घर में लगाना मुश्किल है। बांस के पौधे का ही अन्य विकल्प है बोनसाई का पौधा जोकि बाजार में आसानी से मिल भी जाता है और घर में भी उसे आसानी से रखा जा सकता है। बांस का पौधा घर में लगाना अच्छा माना जाता है। यह समृद्धि और आपकी सफलता को ऊपर ले जाने की क्षमता रखता है।

बोनसाई के पौधे को छोटे से कटोरे, प्याले या गमले में घर के भीतर किसी भी स्थान पर रखा जा सकता है। यह देखने में तो आकर्षित लगता ही है साथ ही घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मर उर्जा को भी यह अपने मोहपाश में बांध लेता है।

भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि बांस का पौधा पवित्रता का प्रतीक है और वह बुरी बलाओं को अपने करीब फटकने तक नहीं देता तभी तो हिन्दू शादियों में बांस से मण्डप सजाया जाता है। यहां तक की अन्य शुभ संस्कार जैसे जनेऊ, मुण्डन आदि में भी बांस का विधि विधान से पूजन किया जाता है।

बांस एकमात्र ऐसा पौधा है जो व्यक्ति को उन्नति के पथ की ओर ले जाता है। अच्छी नौकरी पानी हो या व्यवसाय में तरक्की तो घर में बांस का पौधा लगाना चाहिए।

भगवान विष्णु ने जब श्री कृष्ण अवतार लिया तो बाल्य अवस्था से ही अपने हाथ में बांस से बनी बांसुरी रखते थे। आज उनकी पहचान ही बांसुरी से की जाती है तभी तो उन्हें मुरलीधर कहकर पुकारा जाता है। कुछ विद्वानों के अनुसार बचपन में उन पर बहुत सी आसुरी शक्तियां हावी रहती थी इसलिए यशोदा मईया आसुरी शक्तियों को मात देने के लिए उनके हाथ में बांसुरी दे देती थी। बांसुरी से उत्पन्न सकारात्मक उर्जा से उन्हें मदद मिलती थी। 

घर के मुख्य द्वार पर बांस की दो बांसुरी लटकाएं। यह देखने में तो आकर्षित लगती ही है साथ ही इसके हिलने डुलने से जो उर्जा उत्पन्न होती है उससे वास्तु दोष एवं नकारात्मक उर्जा से घर को मुक्ती मिलती है। 

बांस की बांसुरी अथवा पौधे को ड्राईंग रूम में लगाने से घर में सुख-समृद्धि और मन में नई उमंगों का संचार होता है। बांस को कभी भी जलाना नहीं चाहिए इससे अशुभता का संचार होता है।

संतानहीन दंपत्ति घर में बांस का पौधा लगाएं तो उनकी वंशवृद्धि होती है।  

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