भाग्यहीन होने से बचने के लिए करें मंत्र जाप

Friday, Jan 16, 2015 - 08:11 AM (IST)

यह ग्रह सौर मंडल में सूर्य के बाद सबसे चमकीला और सुंदर ग्रह है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शुक्र दैत्यों के गुरु हैं। ये सभी विद्याओं व कलाओं तथा संजीवनी विद्या के भी ज्ञाता हैं। यदि शुक्र बलहीन होता है तो व्यक्ति अचानक भाग्यहीन हो जाता है। सांसारिक जीवन में शुक्र जी को भोग विलास का प्रतिनिधि माना गया है।

 शुभ शुक्र व्यवसाय में उन्नति, घरेलू सुखों, निरोगता आदि का प्रतीक है। शुक्र ग्रह शुभ स्थिती में हो तो स्त्री, आभूषण, वाहन, व्यापार तथा असीम सुख प्राप्त  होता है और अगर अशुभ स्थिति में हो तो कफ, वात, पित्त विकार, उदर रोग, वीर्य रोग, धातु क्षय, मूत्र रोग, नेत्र रोग, आदि दुख भोगने पड़ते हैं।
 
शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव बना रहे और अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए शुक्र मन्त्र का कम से कम 5 माला जाप करें।
 
ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नमः 
 
मंत्र जाप करते समय सफेद वस्त्र पहनें। श्वेत चंदन का तिलक करें। शुक्रवार के दिन नमक रहित चावल, दूध, दही का सेवन करें। अपने हाथों से गाय/गौशाला में हरा चारा  दान दें।
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