Aroma Vastu Tips: सुगंधों का इस्तेमाल बढ़ाता है जोश और ऊर्जा

Saturday, Apr 29, 2023 - 08:10 AM (IST)

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Aroma Vastu Tips: मानव समाज आदिकाल से ही अपने वातावरण को खुशनुमा बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सुगंधों का इस्तेमाल करता रहा है। वास्तुशास्त्र में भी इनके इस्तेमाल का विशेष महत्व बताया गया है। इस मामले में प्रकृति ने भी हमारी खूब मदद की है और हमें विभिन्न प्रकार के सुगंधित पेड़-पौधे, जड़ी-बूटियां, फल-फूल उपहार में दिए हैं और इनके माध्यम से तरह-तरह की सुगंधियां प्रदान की हैं। इनमें से कुछ विशिष्ट सुगंधियों का उपयोग विश्व की लगभग सभी संस्कृतियों में अलग-अलग आयोजनों पर होता रहा है।

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घर या परिसर में विभिन्न प्रकार की खुशबुओं का इस्तेमाल कर उसके ऊर्जा स्तर में वृद्धि की जा सकती है और उस घर में नकारात्मक ऊर्जा की उपस्थित मात्रा व हानिकारक प्रभाव को नियंत्रित व परिवर्तित किया जा सकता है। इसी प्रकार व्यावसायिक भवनों में हानिकारक ऊर्जा के मार्ग को बदलकर उसके स्थान पर नई व मनोवांछित ऊर्जा को बनाए रखने में भी विभिन्न प्रकार की खुशबुओं का अपना महत्वपूर्ण स्थान है।

जैसे-सुबह की पूजा-अर्चना के लिए गुलाब, चंदन आदि की भीनी-भीनी खुशबू वाली धूप व अगरबत्ती का प्रयोग ज्यादा अच्छा रहता है। घर के अंदर देसी घी के दीए जलाने से भी सात्विक व नैसर्गिक ऊर्जा मिलती है, जो वहां रहने वालों के लिए अनूठी होती है।

सुबह की पूजा के समय मोगरा वा लैवेंडर की तीखी खुशबू वाली धूप-अगरबत्तियों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि मोगरा की तेज खुशबू में मस्त करने वाला प्रभाव होता है इसीलिए दुल्हनों का गजरा मोगरे के फूलों का बनाया जाता है। सुबह की पूजा में जब आप मोगरा व लैवेंडर की खुशबू वाली धूप-अगरबत्तियों का प्रयोग करेंगे, तो उसके प्रभाव की वजह से आपकी इच्छा आराम करने की हो सकती है। इस खुशबू का रोजाना इस्तेमाल आपको आलस्य व निद्रा का अहसास दिला सकता है।

अत: किसी भवन, खासकर औद्योगिक इकाई में, जहां कई लोग एक साथ मशीनों आदि पर कार्य करते हों, वहां इन खुशबुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सायंकालीन पूजा में इनका प्रयोग किया जा सकता है। इसी प्रकार किसी घर के सदस्य यदि किसी कारणवश तनाव या डिप्रैशन अनुभव करते हों, तो घर में हर हफ्ते में कम से कम एक बार हवन सामग्री को जलाने व घर के सभी हिस्सों में धूनी देने से राहत मिलती है।

हवन सामग्री के विकल्प के रूप में लोहबान व गुग्गल का उपयोग किया जा सकता है। घर में यदि कोई जगह ऐसी हो, जहां धूप न पहुंचती हो तो उस स्थान को कपूर की टिकिया रखकर सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण किया जा सकता है।

यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि वायु जब औषधीय पौधों के बीच से होकर गुजरती है, तो उसके जीवनदायिनी ऊर्जा के प्रभाव में वृद्धि हो जाती है। यह शोधित व सुगंधित वायु जब घर के आंगन, ड्योढ़ी, लॉबी आदि स्थानों तक पहुंचाती है, तो वहां रहने वालों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है। मिट्टी की प्राकृतिक खुशबू ने सृष्टि में कुछ उपयोगी गुण प्रदान किए हैं। हमारे आस-पास नैसर्गिक खुशबुओं की कमी नहीं है।

जैसे मिट्टी पर बारिश की बूंदों से उत्पन्न भीनी-भीनी खुशबू हर प्रकार का तनाव दूर करने का अद्भुत गुण रखती है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी नकसीर फूटने पर मिट्टी को पानी में भिगोकर सुंघाया जाता है। ओस पड़ने के बाद सुबह के समय खेतों से उठने वाली प्राकृतिक खुशबू आंखों की रोशनी बढ़ाने व शिथिलता दूर करने से सक्षम है।


 

Niyati Bhandari

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