क्या सच में स्त्रियों के लिए खतरनाक कहलाती हैं ये बातें!
punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 01:53 PM (IST)
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लगातार अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको आचार्य चाणक्य की विभिन्न नीतियों के बारे में बताते रहते हैं। आज एक बार फिर इसी कड़ी में हम आपको बताने वाले हैं इनके नीति सूत्र में बताई गई ऐसी नीति के बारे में जिसमें इन्होंने महिलाओं से जुड़ी खास बातों के बारे में बताया है। बता दें इन्होंने अपने नीति सूत्र न केवल पुरुषों के ही नहीं बारे में बल्कि महिलाओं के बारे में भी बहुत सी बातें बताई हैं। जिसमें आज जिसके बारे में हम आपको जानकारी देने वाले हैं उसमें इन्होंने बताया है कि महिलाओं के लिए कौन सी चीज़ों खतरनाक साबित होती हैं। जी हां, 3 ऐसी चीज़ें होते हैं जो हर महिला के लिए घातक साबित होती हैं। इसलिए चाणक्य कहते हैं किसी भी हालात में इनमें से चीज़ें नहीं होनी चाहिए। आइए जानते हैं कौन से वो चीज़ें-
चाणक्य कहते हैं कि अंहकार प्रत्येक व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है। मगर बात यदि महिलाओं की हों तो तो इन्हें इससे हमेशा बचना चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि गर को संवारने बिगड़ाने वाली महिलाएं होती हैं, अगर इनमें अधिकतर अहम या क्रोध हो तो, ये धीरे-धीरे स्वयं ही अपना जीवन नष्ट कर देती हैं। तो वहीं जिन महिलाओं में अधिक अहम होता है उनसे देवी लक्ष्मी व माता सरस्वती रूठ जाती हैं। जिसका परिणाम अधिक भयानक होता है। इसलिए चाणक्य कहते हैं महिलाओं में अंहकार नहीं होना चाहिए।
किसी भी महिला के लिए अज्ञानता अच्छी नहीं होती। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर स्त्री के लिए ज्ञानवाद होना ज़रूरी होता है क्योंकि समाज के निर्माण में आज के समय में स्त्रियों की भूमिका अहम माना जाती हैं। और समाज को एक अच्छा रूप देने में अपना योगदान पाने के लिए इनका पूर्ण रूप से शिक्षित होना बेहद ज़रूरी है। तो वहीं जो महिलाएं अज्ञानी होती हैं वो न अपने लिए न ही किसी और के लिए कुछ कर पाती हैं।
आखिर में चाणक्य बताते हैं कि किसी भी स्त्री के लिए लालच करना अच्छा नहीं होता। कहा जाता है जिस स्त्री में ये अवगुण होता है एक दिन उसके साथ-साथ उसका संपूर्ण परिवार भी नष्ट हो जाता है। इसकी सटीक उदाहरण है श्री राम की माता कैकयी,जिसने अपने पुत्र भरत के मोह में लालच किया, जिसने पूरे अयोध्या नगरी का जीवन बदल दिया। क्योंकि उनके इस लालच की वजह से प्रजा ने पूरे 14 वर्ष तक अपने राजा के बिना अपने जीवन काटा।