Aquarius Wealth Horoscope 2025: कुम्भ राशि के जातक जानें अपना Money राशिफल, राहु देंगे पैसा और प्रमोशन

punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 08:08 AM (IST)

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Aquarius Wealth Horoscope 2025: आज बात करेंगे कुम्भ राशि वालों के लिए 2025 धन के लिहाज से कैसा रहने वाला है। साल 2025 में गुरु, राहु, केतु और शनि ये चारों ही ग्रह गोचर करेंगे। शनि 3 साल बाद गोचर करते हैं इसलिए और राहु- केतु डेढ़ साल बाद गोचर करते हैं। इसलिए 1 साल में चारों का गोचर नहीं होता लेकिन 2025 में ये चारों गोचर करेंगे। शनि 29 मार्च को राशि बदलेंगे और मीन राशि में आ जाएंगे जबकि गुरु का गोचर 15 मई को होगा और गुरु मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इसके अलावा 29 मई को राहु और केतु का गोचर होगा। राहु कुंभ राशि में आ जाएंगे और केतु का गोचर सिंह राशि में होगा।

शनि मीन राशि में आ जाएंगे तो ये आपकी कुंडली के दूसरे भाव में आ जाएंगे। ये जो शनि की साढ़े साती है उसकी आखिरी ढैया आप पर शुरू हो जाएगी। यानी कि राशि का स्वामी धन भाव में आ जाएगा। शनि आपके लिए राशि के स्वामी है लिहाजा साढ़ेसाती का जो असर है वो कुंभ राशि के जातकों को ज्यादा  नुकसान नहीं होता। राहु इस समय आपकी कुंडली में दूसरे भाव से गोचर कर रहे हैं जबकि केतु का गोचर अष्टम भाव से हो रहा है। ये दोनों ही गोचर आपके लिए अच्छे नहीं थे। मई में सप्तम में आ जाएंगे और राहु का गोचर राशि के ऊपर से होगा और राहु-केतु का पहले और सप्तम भाव का गोचर भी शुभ नहीं होता। गुरु आपकी कुंडली में इस समय चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं। गुरु का गोचर 15 मई से पंचम भाव में होगा। यह गोचर आपके लिए काफी शुभ फल देगा। 29 मई के बाद आपकी कुंडली में आपका नौवां भाव यानी कि भाग्य का स्थान एक्टिव हो जाएगा। 11वां भाव यानी कि आय का स्थान और वृद्धि का स्थान एक्टिव हो जाएगा। ये ग्रोथ का भाव है आपकी राशि और आपका पंचम भाव यानी कि बुद्धि और विवेक का भाव और इजी गेन का भाव भी एक्टिव हो जाएगा। 

जिनकी आयु 25 से लेकर 60 साल के बीच है। कुंभ राशि के जातकों का जन्म मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र के आखिरी दो चरणों में होता है। राहु के शतभिषा नक्षत्र में होता है और गुरु के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के पहले तीन चरणों में होता है। कुंभ राशि के जितने भी जातक मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में पैदा हुए हैं वो अपनी प्रोफेशनल लाइफ की शुरुआत कर रहे हैं। उन पर इस समय गुरु की महादशा चल रही है और राहु के सतम नक्षत्र में पैदा हुए जातकों पर शनि की महादशा है। जो जातक गुरु के पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए हैं अथवा बुध के केतु वह बुध अथवा केतु की महादशा से गुजर रहे हैं। इसका मतलब है कि कुंभ राशि के अधिकतर जातक जो प्रोफेशनल लाइफ में है जो पीक पर जा रहे हैं उन पर इस समय या तो गुरु चल रहे हैं या शनि चल रहे हैं। गुरु चूंकि गोचर में पंचम स्थान से गोचर करेंगे तो यह चौथे भाव के गोचर के मुकाबले अच्छा हो जाएगा। जबकि राहु और केतु खराब फल करेंगे जबकि शनि आखिरी ढैया होने के कारण इसके परिणाम भी आपको विपरीत नहीं आएंगे। 

शनि आपकी राशि के ऊपर से गोचर कर रहे हैं और दशम भाव को दृष्टि दे रहे हैं। दसवें भाव में बैठे राहु की दृष्टि भी दशम भाव के ऊपर है। दूसरे भाव में बैठे राहु की दृष्टि भी दशम भाव के ऊपर है हालांकि चौथे भाव में बैठे गुरु भी दशम भाव को दृष्टि दे रहे हैं। कारोबार वाला जो भाव होता है उस पर दो पाप ग्रहों का प्रभाव के कारण कामकाजी हालात स्ट्रगल वाले रहेंगे।  साल के पहले चार महीने स्ट्रगल करनी पड़ेगी। आपकी राशि के हिसाब से गुरु आपके लिए आय और धन स्थान दोनों के स्वामी बन जाते हैं। गुरु ही इन दोनों भावों के कारक भी होते हैं। सूर्य करियर के कारक होते हैं और आपकी कुंडली में सूर्य है वो सप्तम भाव के भी स्वामी हैं। इस भाव के स्वामी सूर्य आपके राशि के स्वामी शनि और आपके दशम भाव के स्वामी मंगल का कब-कब आपस में संबंध बनेगा यह बताएंगे। 

साल की शुरुआत में मंगल छठे भाव में गोचर करते हुए आपकी राशि को में गोचर करेंगे। राशि स्वामी शनि को देख रहे हैं। चूंकि मंगल कर्म भाव के स्वामी है लिहाजा 20 जनवरी तक बनी स्थिति आप आपके लिए पैसे के लिहाज से या कारोबार के लिहाज से अच्छी होगी। मंगल दसव भाव के स्वामी है हालांकि इस दौरान सेहत को लेकर थोड़ा सा सजक जरूर रहना पड़ेगा। 29 मार्च को शनि खुद धर्म भाव में आ जाएंगे और राशि के स्वामी शनि का धन भाव में आकर आय भाव को देखना और आय भाव को देखना आय के लिहाज से अच्छा है। सूर्य 14 मई को कुंडली के चौथे भाव में बैठकर दसवें भाव को दृष्टि देंगे। 

कारोबारी पार्टनरशिप के नए मौके पैदा हो सकते हैं। इसका निश्चित तौर पर आपको लाभ उठाना चाहिए। जिन जातकों पर गुरु की दिशा चल रही है उनके लिए 15 मई के बाद गुरु जब पंचम भाव में आ जाएंगे। तो वह शुभ फल करना शुरू करेंगे और आय के नए साधन आपके लिए खुलेंगे। यदि आप कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने की सोच रहे हैं तो मई के बाद का समय आपके लिए बहुत अच्छा है। गुरु के गोचर के साथ ही भाग्य स्थान भी एक्टिव हो जाएगा। जिससे आपको लाभ होगा 16 अगस्त से लेकर 16 सितंबर तक सूर्य अपनी राशि सिंह में गोचर करते हुए राशि को दृष्टि देंगे। इस दौरान एक बार फिर पार्टनरशिप में कारोबार करने के मौके जरूर पैदा होंगे। 13 सितंबर को आपकी कुंडली में कारोबार वाले भाव का स्वामी मंगल तुला राशि में आ जाएगा और 27 अक्टूबर तक इस पर गुरु की दृष्टि रहेगी। कर्म स्थान के स्वामी पर आय स्थान के स्वामी और धन स्थान के स्वामी की दृष्टि आय के लिहाज से बहुत अच्छे फल करेगी। इस दौरान आय के नए अवसर पैदा हो सकते हैं और नौकरी में प्रमोशन भी हो सकता है। कारोबार वाले स्थान का स्वामी मंगल धनु राशि में आकर 7 दिसंबर के बाद आय भाव के स्वामी गुरु के साथ आमने-सामने समसप्तक योग का निर्माण करेगा। दिसंबर का महीना निश्चित तौर पर फायदे वाला होगा। 

नरेश कुमार
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Content Editor

Prachi Sharma

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