हिंदू शास्त्र के अलावा वास्तु में भी है इन रंगों का महत्व

Friday, Jun 12, 2020 - 06:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हर किसी के जीवन में रंगों का महत्व होता है, लेकिन बात की जाए तो हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में इन रंगों की अहमियत की तो इनका अपना अलग ही महत्व है। जी हां, आप बिल्कुल सही समझ रहे हैं, हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं कैसे रंग हमारे जीवन पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं। खासतौर पर हम बात करेंगे उन 4 रंगों की जो हिंदू धर्म के साथ-साथ वास्तु में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। तो चलिए जानते हैं इन रंगों के बारे में- 

आप में से बहुत से लोगों ने देखा होगा कि हिन्दू धर्म में पूजा के दौरान लगभग सफ़ेद, लाल, पीले और हरे रंग का उपयोग किया जाता है मगर क्यों, इसकी जानकारी आज हम आपको देने वाले हैं।

सबसे पहले बात करते हैं सफे़द रंग की-
सफे़द रंग- 
बताया जाता है कि प्राचीन काल में किसी भी तरह के यज्ञ व महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान के दौरान सफ़ेद रंग का उपयोग अधिक होता था, मगर आज की बात करें तो अब धीरे धीरे इसका महत्व कम हो गया। धार्मिक रूप से देखें तो असल में सफेद रंग माता सरस्वती का रंग माना जाता है। इससे राहु शांत रहता है। तो वहीं इससे शुद्धता और पवित्रता का भी आभास होता है। 

पीला रंग-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीले रंग के वस्त्रों को पितांबर कहा जाता है, इसके अंतर्गत नारंगी और केसरी रंग भी शामिल होते हैं। कहा जाता है इसके उपयोग से गुरु का बल बढ़ता है। ग्रहों के अनुसार गुरु ग्रह हमारे भाग्य को जगाने वाला ग्रह होता है। किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य में पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है। पूजा-पाठ में पीला रंग शुभ माना जाता है। केसरिया या पीला रंग सूर्यदेव, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह रोशनी को भी दर्शाता है। इस तरह पीला रंग बहुत कुछ कहता है।

लाल रंग- 
हिंदू धर्म में विवाहित महिला लाल रंग की साड़ी और हरी चूड़ियां पहनती हैं। तो वहीं विवाह के समय दूल्हा भी लाल या केसरी रंग की पगड़ी धारण करता है। जिसे  उसके आने वाले जीवन की खुशहाली से जोड़ा जाता है। कहा जाता है लाल रंग उत्साह, सौभाग्य, उमंग, साहस और नवजीवन का प्रतीक होता है। इसके अलावा मां लक्ष्मी को लाल रंग प्रिय है। कहा जाता देवी लक्ष्मी स्वयं लाल वस्त्र पहनती हैं और लाल रंग के कमल पर शोभायमान रहती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रामभक्त हनुमान को भी लाल व सिन्दूरी रंग प्रिय हैं इसलिए भक्तगण उन्हें सिन्दूर अर्पित करते हैं। 

हरा रंग- 
शास्त्रों के अनुसार यह रंग माता पार्वती और भगवान शिव दोनों को ही अत्यधिक प्रिय है। इसके अलावा हरा रंग बुध ग्रह का रंग माना जाता है। जिस कारण पूजा में इस रंग के कपड़ों का प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इस रंग को रंग हरियाली, शीतलता, ताजगी, आत्मविश्वास, प्रसन्नता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। 

Jyoti

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