Smile Please: भाग्य नहीं बदल सकता कोई लेकिन क्या कर्म कर सकता है चमत्कार ?
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 07:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Smile Please: पहले जमाने में लोग एक-दूसरे की इज्जत के भाईवाल होते थे। एक-दूसरे की मदद कर देते थे और उसे खबर भी नहीं होने देते थे। आजकल अव्वल तो किसी की मदद कोई करता ही नहीं, अगर कर भी दे तो जब तक चार लोगों को खबर न पहुंचा दे, उसे चैन नहीं आता।
अपना दोस्त या रिश्तेदार बिछुड़ जाता है तो आदमी की ताकत घट जाती है। एक-दूसरे से बड़ी ताकत मिलती है। मन में हौसला होता है कि मेरा कोई है। एक और एक मिल कर दो नहीं होते, ग्यारह बन जाते हैं। -दर्शना भल्ला
जो मेरे भाग्य में नहीं है, वह दुनिया की कोई भी शक्ति मुझे नहीं दे सकती और जो मेरे भाग्य में है, उसे दुनिया की कोई भी शक्ति छीन नहीं सकती। ईश्वरीय शक्ति असंभव को संभव बना सकती है। अत: कर्म ही ‘कामधेनु’ एवं प्रार्थना ही ‘पारसमणि’ है। जो मैं अब अनुभव कर रहा हूं, वह अतीत का फल है, भविष्य में जो अनुभव करूंगा, वह इस बात पर निर्भर करता है कि मैं अब क्या करता हूं।
जब तक आप खुद की कीमत नहीं करेंगे, तब तक दूसरे लोग भी आपकी कीमत नहीं डालेंगे। खुद की खामियों को अपनी कमजोरियां समझ कर खुद की कीमत कम न करें।
यह दुनिया खुशी के पीछे भाग रही है। अगर आप खुश हैं तो आप कभी अकेले नहीं रहेंगे।
आपका सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी आपको आईने के सामने ही मिलेगा।डर सिर्फ खाली बैठे रहने वाले लोगों के खाली दिमाग पर ही हावी होता है। काम करने वाले लोगों को डर को खुद पर हावी होने देने की फुर्सत ही नहीं मिलती।
सबसे मधुर वाणी का इस्तेमाल करो। अपनी जिव्हा पर कंट्रोल करना सीखो। बाहर के चटपटे खाने जीभ के स्वाद के कारण रोगों को न्योता देते हैं। जीभ के कड़वे बोल आपको कई बार परेशानी में डाल देते हैं। कड़वे बोल दोस्त को भी दुश्मन बना देते हैं। जैसे रावण ने विभीषण को अपना दुश्मन बना लिया और वही उसकी बर्बादी का कारण बना। -एस.एस. खुराना