‘अनमोल वचन’:  भटकाव से बचना चाहते हो तो मन को रखो व्यस्त

Sunday, Apr 24, 2022 - 11:40 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अक्सर माता पिता अपने बच्चों को बेहतर इंसान बनने की सीख देते हैं, ताकि भविष्य में बच्चे माता पिता का समाज में मान-सम्मान बढ़ाएं बल्कि खुद की भी एक अलग पहचान प्राप्त कर सकें। परंतु ऐसा करने के लिए क्या करना चाहिए? क्या केवल बच्चों को शिक्षित करना इसके लिए बहुत है। तो आपको बता दें केवल किताबी पढ़ाई बच्चों को एक अच्छा इंसान नहीं बनाता। बल्कि जीवन के कुछ अनुभव व रियस आस्पेक्ट्स को समझना बेहद ज़रूरी है। तो चलिए कुछ महान विभूतियों के अनमोल वचन जिन्होंने अपने जीवन में किए अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इनकी रचना की है। ऐसा कहा जाता है ये अनमोल वचन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कहीं न कहीं जरूर काम आते हैं, इतना ही नहीं इससे बेहतर इंसान बना जा सकता है।


 
जिंदगी सच में बेहतरीन बन जाती है जब हम जीवन में सही समय पर थैंक्स, सॉरी बोलना जान लेते हैं। कोई कुछ भी कहें अपनी गलती मान कर माफी मांग लेना और जब कोई आपके लिए कुछ करे तो उसके लिए आभार प्रकट करना आपको साधारण से असाधारण बना देता है। —डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

आपको मंदिर तक आपके पैर नहीं लेकर जाते। मंदिर तक आप को लेकर जाता है आपका मन। मंदिर में भगवान की मूर्ति से शांति मिलती है, मंदिर में जो लोग बैठ कर साधना करते हैं उसी आभा मंडल के बने वायु मंडल से भी आपको शांति मिलती है। —राष्ट्र संत ललित प्रभ

यदि हम प्रसन्न हैं तो सारी प्रकृति हमारे साथ मुस्कराती प्रतीत होती है। —स्वामी विवेकानंद



यदि तुम बुरे विचारों के भटकाव से बचना चाहते हो तो अपने मन को सदा व्यस्त रखो। —अथर्ववेद

दूसरे का आचरण चाहे तु हें पसंद न हो लेकिन तु हें अपना सदाचरण नहीं छोडऩा चाहिए। —शेख सादी

मनुष्य को अपनी ओर खींचने वाला यदि जगत में कोई असली चुंबक है तो वह केवल प्रेम है।      —महात्मा गांधी



दुनिया में कोई जगह ऐसी नहीं जहां मृत्यु न पहुंच सकती हो। —प्रेमचंद

पतझड़ हुए बिना पेड़ों में फल नहीं लगते। —वेदव्यास

प्रस्तुति : जगजीत सिंह भाटिया, नूरपुरबेदी (रोपड़)
 

Jyoti

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