Smile please: अपने दुख-दर्द से छुटकारा चाहते हैं तो याद रखें ये बातें...

Monday, Dec 14, 2020 - 10:11 AM (IST)

 शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

कर्म के लिए समय का इंतजार न करें-क्योंकि समय किसी का इंतजार नहीं करता। मरने के बाद कर्म ही साथ जाते हैं।

दूसरों का भला करना ही उच्च कोटि का तप है और सर्वश्रेष्ठï धर्म है। जो दूसरों का भला करते हैं उनके लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं है।

 

वाणी ऐसी बोलें जिससे दूसरों का उपकार हो। दीन-दुखियों-बेसहारों का भला करें। देश में एकता हो व समाज का सुधार हो।

सतनाम-वाहेगुरु कहो चाहे राम-राम कहो। तुम्हारे बिगड़ काम संवर जाएंगे। मन में विश्वास रखो। प्रभु अपने भक्त को दुखी नहीं देख सकते।

जब तक जीव का आहार-विहार व्यवहार-विचार शुद्ध नहीं होगा तब तक उसे ध्यान-भक्ति का मार्ग नहीं मिलेगा।

संसार में जितने दुख-क्लेश हैं, झगड़े और रोग हैं उन सबका कारण विषय वासना ही है।


भजन बंदगी हमें बाहरी चका-चौंध से हटा कर हमारे अंदर  विराजमान परम प्रकाश का बोध कराती है।

दुनिया भर का खजाना भी एक सांस की कीमत नहीं चुका सकता। करोड़ों के मालिक भी मृत्यु से नहीं बच सकते।

मनुष्य की पहचान उसके वस्त्रों से और उसके कारोबार से नहीं हो सकती। पहचान होती है अच्छे और ऊंचे विचारों से।

परमात्मा तो हमें सब कुछ देता है वह अपनी रहमतों के द्वार कभी बंद नहीं करता। हम ही नासमझ हैं। जो उसे आज तक समझ नहीं सके।

गौ माता के पूजन से दरिद्रता मिट जाती है। इसके श्वासों से पृथ्वी पवित्र होती है। इसके स्पर्शमात्र से पापों का नाश होता है। परिवार में सुख-शांति रहती है।

Niyati Bhandari

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