Smile please: अपनों से दूरी बनाना बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा नहीं

Saturday, Dec 05, 2020 - 08:57 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

ईश्वर के दर्शन उनको ही होते हैं जो मन के साफ होते हैं। घृणा-द्वेष करने वाले तो कीचड़ में फंसे रहते हैं। उनके लिए ऐसा कोई साबुन नहीं बना जो उनके मन की मैल धो सके। —चंद्रेश्वर गिरि


भाई-भाई आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें। भाई-भाई श्री राम जी, भरत-लक्ष्मण की तरह रहें। भगवान श्री राम जी वनवास जाते समय कह रहे थे कि मेरा भरत फले-फूले खुश रहे इसका यश पूरे संसार में फैले। —आचार्य कौशिक

अपनों से दूरी बनाना बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा नहीं। बच्चों को रिश्तों की अहमियत बताएं। रिश्तों को समझना और निभाना व्यक्तित्व की कई खूबियां हैं।

हमारी जुबान ही हमें राज सिंहासन से नीचे उतार कर दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर देती है। काबान का सोच समझ कर उपयोग करें। काबान की चोट बाण की चोट से भी तेज होती है।

जब तक हम अपने अंदर नहीं झांकेंगे तब तक हम दूसरे को बुरा ही समझते रहते हैं। अहंकार के कारण हमें हर कोई बुरा ही नजर आता है।


जब हम उदार हृदय को ज्ञान शिक्षा के साथ जोड़ देते हैं तो फिर हमें दूसरों के विचारों का सम्मान करना आ जाता है।  —दलाईलामा

पति-पत्नी सुख-दुख की बात आपस में दिल खोल कर जो कर सकते हैं वह किसी और के साथ नहीं की जा सकती। एक-दूसरे से तालमेल बनाकर रखो और खुश रहना सीखों। क्या जाने यह साथ कब छूट जाए। —दर्शना भल्ला

Niyati Bhandari

Advertising