बंदर और बिल्ली के ये संकेत, जीवन में लाते हैं Good Luck

punjabkesari.in Thursday, Jul 08, 2021 - 11:16 AM (IST)

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Animal Superstitions: वैसे तो बंदर और बिल्ली से जुड़ी बहुत सारी बाल कथाएं, बाल्यकाल में दादी-नानी सुनाती हैं। क्या आप जानते हैं, ज्योतिष विज्ञान में इन दोनों के संकेतों को बहुत महत्व दिया जाता है। इनसे जुड़ी किसी भी हरकत को शुभ-अशुभ माना जाता है। कुछ लोग तो इसे अंधविश्वास मानते हैं लेकिन बड़ी संख्या में लोग इसके शकुन-अपशकुन पर यकीन रखते हैं-

Omens of a Cat बिल्ली संबंधी शकुन 
बिल्ली के आगे आने को कुछ लोग अशुभ मानते हैं। यदि बिल्ली रास्ता काट ले अर्थात एक ओर से दूसरी ओर को निकल जाए तो हानिकारक होती है।

कुछ लोगों के मत के अनुसार बिल्ली द्वारा रास्ता काटने का फल अनिष्टकारक तभी होता है जब कि वह बाएं से दाईं ओर को रास्ता काटे, अन्यथा खराब फल नहीं होता।

यदि यात्रारंभ में बिल्ली सामने से अपने मुख में आहार लिए हुए आए तो शुभ समझना चाहिए।

यदि मुुंह में मांस भरे हुए बिल्ली सामने आए तो सामान्य फल देती है किन्तु मुख में मांस भरे हुए बोले तो शुभ फल वाली होती है।

यदि बिल्ली खाली मुख शब्द करे तो यह शकुन शुभ नहीं माना जाता।

यदि बिल्ली बिलाव या दो बिल्लियां परस्पर लड़ाई करती हुई दिखाई दें तो उनके प्रभाव से देखने वाले को अपयश प्राप्त होना, समझना चाहिए।

यदि किसी कार्य के लिए जाते समय बिल्ली बाईं ओर रहे तो शुभकारी है। इसी प्रकार घर लौटते समय दाईं तरफ हो तो श्रेष्ठ फल उत्पन्न करती है।

रात्रि में सोते समय बिल्ली ऊपर आ पड़े तो वह शकुन मृत्युकारक बताया गया है।

यदि बिल्ली किसी के माथे को चाटे तो उसे राज भय की प्राप्ति हो सकती है अथवा पत्नी से बिछोह हो सकता है।

यदि किसी स्त्री के मस्तक को चाटे तो उसके पति के लिए घातक होना मानते हैं।

Omens of a Monkey बंदर संबंधी शकुन 
यदि घर से बाहर जाते हुए जातक को प्रात:काल में बाईं ओर बंदर दिखाई दे तो यह शुभ शकुन होगा। इसके फलस्वरूप धन की प्राप्ति होनी चाहिए। यदि घर से जाते समय बंदर का शब्द सुनाई दे तो जिस कार्य से जा रहे हैं वह शीघ्र ही सिद्ध होगा। इससे मुकद्दमे या लॉटरी में जीत का अनुमान भी लगा सकते हैं।

यदि वानर की गति दाहिनी ओर हो तो सामान्य रूप से हितकर रहेगी। यदि वाम गति वाला है तो वह अशुभ शकुन का रूप धारण किए होता है।

यदि घर से चलते समय किसी के मुख से बंदर का स्वर सुनाई दे तो वह शुभ नहीं होता।

यदि मध्याह्न काल में बंदर दाईं ओर अथवा बाईं ओर मिले तो यह होते हुए कार्य को बिगाडऩे वाला शकुन है।

यदि चलते समय बंदर किसी ऊंची अट्टालिका पर इस प्रकार बैठा हो कि जातक को उसके नीचे से ही जाना पड़े तो यह शकुन भी अच्छा नहीं माना जाता है परंतु ऊंची अट्टालिका पर बैठा हुआ बंदर यदि ठीक सिर के ऊपर नहीं आता तो उसके फल में परिवर्तन होगा। 

यदि वह बाईं ओर होता है तो लाभकारी है परंतु दाईं ओर रहने पर साधारण लाभ ही रहेगा। 

यदि जातक को सायंकाल को कहीं जाना हो और बंदर बाईं ओर मिले तो यह लक्षण शुभ समझा जाएगा।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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