क्या आपकी कुंडली में भी है ये योग, तो करें इस मंत्र का जप

Tuesday, Mar 08, 2022 - 05:45 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र में मानव जीवन से जुड़ी कई तरह की जानकारी दी है। इस सूची में व्यक्ति की जन्मकुंडली से लेकर उसके जीवन में आने वाली परेशानियों के लिए उपाय आदि। आज हम इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं अंगारक योग के बारे। अक्सर लोगों को कहते सुना जाता है कि उनकी कुंडली में अंगारक योग होता है। परंतु बहुत कम लोग होते हैं जो ये जानते हैं कि ये योग शुभ है आ अशुभ। तो चलिए आफको बताते हैं कि कुंडली में मौजूद अंगारक योग शुभ होता है या अशुभ। 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब कुंडली में मंगल और राहु किसी राशि या भाव में एक साथ आ जाएं तो अंगारक योग का निर्माण होता है। कुंडली में अंगारक योग के अशुभ फल तभी प्राप्त होते हैं। जब इस योग का निर्माण करने वाले मंगल, राहु या केतु दोनों ही अशुभ स्थान में हों। इसके अलावा यदि कुंडली में मंगल तथा राहु-केतु में से कोई भी शुभ स्थान में है तो जातक के जीवन पर अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। बता दें तो लाल किताब में अंगारक योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर का नाम दिया गया है।


कैसा होता है अंगारक योग का प्रभाव ?
वैदिक ज्योतिष में मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है | अगर,  कुंडली में मंगल उच्च स्थान पर होते हैं तो व्यक्ति साहसी, निडर और योद्धा आदि बनता है। जबकि राहु - केतु के साथ जब मंगल आ जाते हैं तो कुंडली में अंगारक योग बनता है। यह योग धन संबंधी परेशानियां या फिर किसी महिला की कुंडली में ये योग बने उस महिला को संतान संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है। वहीं राहु वायु तत्व को प्रभावित करते हैं। ऐसे में अग्नि व वायु के संयोग से आग भड़कती है और विस्फोट जैसी स्थितियां बनती हैं । इस योग के उपाय न करने पर लंबे समय तक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं इस योग के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए हमें राशि अनुसार कौन- कौन से उपाय करने चाहिए।

मेष, सिंह या धनु राशि वाले
एक तांबे का कड़ा दाहिने हाथ की कलाई में धारण कर लें। हो सके तो  मंगल के मंत्र "ॐ अं अंगारकाय नमः" का 108 बार जाप जरूर करें। इसके अलावा प्रति दिन गुड़ खाकर जल पीएं और सफेद रंग का प्रयोग अधिक से अधिक करें।

वृष, कन्या या मकर वाले
रोजाना हनुमान चालीसा का तीन बार पाठ करें। हर मंगलवार को मीठी चीजों का दान और नमक का सेवन भी न करें। ध्यान दें, लाल रंग से दूर रहें।

मिथुन, तुला या वाले
सूर्यदेव को लाल फूल डालकर जल अर्पित करें। इसके बाद वहीं खड़े होकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। तांबे का एक छेद वाला सिक्का गले में धारण करें और मुल्तानी मिटटी से बाल और चेहरा धोएं।

वृश्चिक या मीन वाले। 
मंगलवार का उपवास रखने के बाद मंदिर जाकर हनुमान जी के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करें। एक तांबे का छल्ला अनामिका अंगुली में पहन लें और हमेशा अपने पास एक रेशम का लाल रंग रुमाल अपने पास रखें। 
 

Jyoti

Advertising