Vastu Shastra: पूर्वजों की तस्वीरें भी घर-परिवार पर डालती हैं नकारात्मक प्रभाव

Sunday, Dec 12, 2021 - 02:13 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ancestors or Dead Person Photo Direction And Placement: ऐसा कोई भी घर-परिवार नहीं है, जहां पर कभी किसी की मृत्यु न हुई हो। मृत व्यक्ति के बाद उनके परिवार में उनकी स्मृति के तौर पर लगायी जाने वाली उनकी तस्वीर को कहां किस दिशा पर व्यवस्थित करना चाहिए ताकि घर के किसी और व्यक्ति पर इसका कोई भी नकारात्मक प्रभाव न पड़े। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे। अकसर सुनने को मिलता है कि हमारा फलां मृत व्यक्ति मेरे सपने में आया और यह कहा। जिसके कारण घर के सदस्यों में डर का माहौल हो गया है। पूर्वजों के चित्र का अपना एक स्थान होता है, जिसका उल्लेख वास्तु विज्ञान के सिद्धांतों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है।

कभी भी मृत व्यक्ति के चित्र को देवी-देवताओं के चित्रों के साथ न लगाएं क्योंकि देव आत्माएं पितरों से बढ़कर होती हैं तथा हमारे पूर्वजों की आत्माओं को तृप्त रखने का कार्य भी करती हैं। पितरों के परिवारों को सदा पूर्वजों का सकारात्मक आशीर्वाद ही प्राप्त होता रहे।

पित्तरों की तस्वीरें घर में सभी जगहों पर नहीं लगानी चाहिये। इसे शुभ नहीं माना जाता, इससे घर में तनावपूर्ण माहौल बना रहता है। एक ही पित्तर की एक से ज्यादा तस्वीरें नहीं लगानी चाहिये और हो सके तो अपने से एक पीढ़ी पहले की ही तस्वीर लगानी चाहिये। अगर कोई पूर्वज परम प्रतापी या प्रसिद्ध हुआ है जिसके कारण अगली पीढ़ियों पर उसके नाम का प्रभाव है तो ऐसे पूर्वज की तस्वीर कई पीढ़ियों तक लगायी जा सकती है।

पित्तरों का चित्र घर के ब्रह्म स्थान या कहें कि घर के मध्य स्थान में कभी नहीं लगाना चाहिये क्योंकि इससे सम्मान की हानि होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। जीवित लोगों के चित्रों के साथ भी कभी पित्तरों की तस्वीरें इत्यादि नहीं लगानी चाहिये।

पित्तरों की तस्वीरें बैठक, रसोई या बैडरूम में भी नहीं लगायी जानी चाहिये।

पित्तरों की तस्वीरों को लटकते या झूलती हुई अवस्था में भी नहीं लगाया जाना चाहिये।

Vastu for ancestors photo in house घर की किस दिशा में पित्तरों की तस्वीरें लगायी जा सकती है
जब भी पित्तरों की तस्वीर लगाएं तो उन्हें आप ऐसी स्थिती में लगाएं जहां पर घर के सदस्यों का तो ध्यान आकर्षित हो सके परन्तु अतिथियों का ध्यान वहां पर आकर्षित न हो। अगर घर के सदस्य भी उन्हें प्रतिदिन स्मरण करते हैं तो आपके भविष्य पर इसका बुरा प्रभाव हो सकता है। यह माना जाता है कि पूर्वजों को अधिक याद करने से पूर्वजों का आकर्षण भी आपके प्रति बढ़ जाता है व आपके मन में उदासी व निराशा का भाव विकसित हो जाता है। घर के किसी एक ही स्थान पर पित्तरों की तस्वीर लगायें और वह स्थान ऐसा होना चाहिये जो कि दिशा दोष से मुक्त हो।

यदि पूजा स्थान पूर्व दिशा की तरफ हो तो पूर्वजों की तस्वीर ईशान कोण की तरफ लगायी जा सकती है। यदि पूजा स्थान से भिन्न कहीं पूर्वजों की तस्वीर लगा रखी है तो उत्तर दिशा की दीवार पर लगा सकते हैं ताकि पूर्वजों की तस्वीर का मुख व चेहरा दक्षिण दिशा की तरफ रहें। दक्षिण मुखी दीवार पूर्वजों की तस्वीर लगाने के लिये घर में सबसे उपयुक्त स्थान होता है। अगर ऐसी दिशा न मिल पाये तो ऐसी दीवार जिसका मुख पूर्व दिशा की तरफ हो। ऐसी जगह पर भी लगायी जा सकती है अगर इसके अलावा हम कोई दिशा पूर्वजों की तस्वीरों के लिये चुनते हैं तो उसका नकारात्मक प्रभाव घर-परिवार पर अवश्य आ सकता है।

इसी के साथ-साथ अलग-अलग दिशाओं में पूर्वजों की तस्वीरों को लगाने से जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता क्योंकि वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

 

Niyati Bhandari

Advertising