Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी पर सिर्फ ये मंत्र दिलाएंगे हर दुख से मुक्ति, जरूर करें इनका जाप
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 04:00 AM (IST)

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Anant Chaturdashi 2025: हर वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाने वाली अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु की असीम कृपा और सर्वशक्तिमत्ता की प्रतीक मानी जाती है। यह दिन विशेष संकल्प, साधना और आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि अगर इस दिन बनाए गए व्रत को सही विधि से किया जाए और विशेष मंत्र जाप किया जाए, तो सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में प्रसन्नता और समृद्धि आती है। आइए, देखते हैं कौन से ऐसे मंगलकारी मंत्रों का जाप इस अनंत चतुर्दशी पर किया जा सकता है, जो दिलाएंगे अनंत आनंद और मोक्ष।
भगवान विष्ण के मंत्र
अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया ।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया ।।
श्री विष्णु स्तोत्र
किं नु नाम सहस्त्राणि जपते च पुन: पुन: ।
यानि नामानि दिव्यानि तानि चाचक्ष्व केशव: ।।
मत्स्यं कूर्मं वराहं च वामनं च जनार्दनम् ।
गोविन्दं पुण्डरीकाक्षं माधवं मधुसूदनम् ।।
पदनाभं सहस्त्राक्षं वनमालिं हलायुधम् ।
गोवर्धनं ऋषीकेशं वैकुण्ठं पुरुषोत्तमम् ।।
विश्वरूपं वासुदेवं रामं नारायणं हरिम् ।
दामोदरं श्रीधरं च वेदांग गरुड़ध्वजम् ।।
अनन्तं कृष्णगोपालं जपतो नास्ति पातकम् ।
गवां कोटिप्रदानस्य अश्वमेधशतस्य च ।।
कन्यादानसहस्त्राणां फलं प्राप्नोति मानव:
अमायां वा पौर्णमास्यामेकाद्श्यां तथैव च ।।
संध्याकाले स्मरेन्नित्यं प्रात:काले तथैव च ।
मध्याहने च जपन्नित्यं सर्वपापै: प्रमुच्यते ।।
वृंदा, वृन्दावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी |
पुष्पसारा,नंदिनी च तुलसी,कृष्णजीवनी ।।
एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम |
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत।।
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी ।
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते ।
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः !
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा ।
बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावात् ।
करोमि यद्यत्सकलं परस्मै ।
नारायणयेति समर्पयामि ॥
कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा
बुद्ध्यात्मना वानुसृतस्वभावात् ।
करोति यद्यत्सकलं परस्मै
नारायणयेति समर्पयेत्तत् ॥
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात्।।
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।
वंदे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।
Amazing Benefits of Chanting Mantras on Anant Chaturdashi अनंत चतुर्दशी पर मंत्र जाप के अद्भुत लाभ
नियमित मंत्र जाप से मन शांत होता है और तनाव, चिंता व मानसिक अशांति दूर होती है।
यह ध्यान और मेडिटेशन की तरह कार्य करता है, जिससे मस्तिष्क में पॉजिटिव ऊर्जा का संचार होता है।
मंत्रों के जाप से लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में धन, ऐश्वर्य और आर्थिक स्थिरता आती है।
मंत्र जाप से आत्मा शुद्ध होती है और व्यक्ति धर्म, भक्ति व साधना के मार्ग पर अग्रसर होता है।