Amarnath Yatra 2020: अमरनाथ यात्रा की पहली पूजा जम्मू में, इस बार 15 दिनों की होगी यात्रा

Thursday, Jun 04, 2020 - 06:34 PM (IST)

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अपनी वेबसाइट के माध्यस आप तक कोरोना महामारी के बीच हुए लॉकडाउन से लेकर अभी तक की तमाम प्रकार की धार्मिक जानकारी प्रदान करने के प्रयास कर रहे हैं। अपनी इसी कड़ी को बरकरार रखते हुए अब हम आपके लिए खबर लाए हैं जम्मू कश्मीर से। जीं हां, ये खबर है श्री अमरनाथ यात्रा से जुड़ी हुई। खबरों की मानें तो श्री अमरनाथ यात्रा से पूर्व होने वाली प्रथम पूजा इस बार दक्षिण कश्मीर में चंदनवाड़ी में न होकर जम्मू में श्री अमरनाथ श्राउन में कार्यलय परिसर में या श्री रणबीरेश्वर मंदिर में होगा। मान्यताओं के अनुसार हर साल प्रथम पूजा यात्रा के शुरू होने से पहले ज्येेष्ठ पूर्णिमा के दिन होती है। यहां विस्तारपूर्वक जानें इससे जुड़ा अपडेट- 

बता दें श्री अमरनाथ वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, जो कोरोना वायरस महामारी के चलते अब कुछ दिन और स्थागित कर दी गई है। खबरों के अनुसार पवित्र गुफा के प्रबंधन और यात्रा के संचालन क लिए जिम्मेदार श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड इस बार यात्रा 15 दिन तक सीमित करने पर विचार कर रहे हैं। जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे में यात्रियों की संख्या में भी सीमित की जाएगी। 

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन यानि 5 जून की सुबह चंदनबाड़ी में प्रथम पूजा निश्चित थी। पूजा में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों, श्री बाबा अमरनाथ और बाबा बुढ़ा अमरनाथ यात्री न्यास के सदस्यों को भाग लेना था। फिर बदली परिस्थितियों में बोर्ड ने पहले कथित तौर पर प्रथम पूजा को रद्द कर दिया था, मगर अब श्री अमरनाथ यात्रा से जुड़े विभिन्न धार्मिक संगठनों के दबाव में बोर्ड ने पूजा के लिए सहमति प्रदान कर दी है। 

धार्मिक संगठनों का आग्रह है कि बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा जम्मू शहर में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर श्री रणबीरेश्वर में आयोजित की जाए। उनका कहना है कि जिस समय यहां आतंकवाद अपने चरम सीमा पर था तो भोलेनाथ के इसी मंदिर से पवित्र छड़ी मुबारक पवित्र गुफा के लिए रवाना होती रही है। तो वहीं अमरनाथ श्राइन बोर्ड चाहता है कि पूजा बोर्ड कार्यालय में हो ताकि भीड़ से बचा जा सके और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन भी किया जा सके।

सूत्रों की मानें तो मंदिर में पूजा के आयोजन के समय भीड़ हो सकती है। बता दें फिलहाल प्रशासन ने धर्मस्थलों को बंद रखा हुआ है। उम्मीद है कि बोर्ड जल्द ही इस बारे में कोई फैसला करेगा।

Jyoti

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