आमलकी एकादशी: छोटा सा आंवला पूरी कर सकता है हर इच्छा, जानें कैसे

Saturday, Mar 16, 2019 - 03:32 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)


कल आंवला एकादशी का शुभ दिन है। ये फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इसे आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। कुशाग्र बुद्धि और विद्या प्राप्ति के लिए आंवले के पेड़ की पूजा करें। प्रात: सूर्य निकलने से पूर्व उठकर स्नानादि क्रियाओं से निवृत होकर भगवान विष्णु का सच्चे मन से धूप, दीप, नैवेद्य, फल और फूलों से पूजन करें। आंवले की टहनी को कलश में स्थापित करके उसका पूजन करना अति उत्तम है। सारा दिन किसी की निंदा या चुगली न करें, अपना समय संकीर्तन एवं सत्संग में बिताएं। इस दिन फलाहार करना चाहिए तथा अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। 

अबकी बार क्या congress की सरकार ?

आंवले के वृक्ष में प्रभु का वास होता है इसलिए आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु जी की पूजा एवं स्तुति करनी चाहिए। इस दिन आंवले खाने तथा आंवले का दान करना अति पुण्यकारी है। भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करते हुए आंवले के पेड़ की 108 अथवा 28 बार परिक्रमा करना अति उत्तम कर्म है। जिस संकल्प से कोई आंवले की परिक्रमा करता है वह अति शीघ्र पूरी हो जाती है। विवाह में समस्याएं आ रही हैं तो ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें।

आंवले पीले वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखने से धन की कमी हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।

भगवान श्री हरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए जनेऊधारी ब्राह्मण को कलश, वस्त्र और आंवला आदि का दान करें।

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- 17:43
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 16 मार्च को 23:33 बजे
एकादशी तिथि समाप्त- 17 मार्च 2019 को 20:50 बजे
18 को पारण समय- 06:28 से 08:51

2019 में क्या मुरझा जाएगा कमल ?

Niyati Bhandari

Advertising