Alexander Story: दौलत और शोहरत पाने के बाद भी मनुष्य रह जाता है इस चीज का प्यासा
Friday, Feb 23, 2024 - 07:04 AM (IST)
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Alexander Story: सिकंदर भारत आया तो उसने सुना यहां बड़े-बड़े योगी रहते हैं। एक योगी उसे बड़ा प्यारा लगा। उसकी वह सेवा करने लगा। कई दिनों तक करता रहा।
एक दिन योगी ने सोचा यह सिकंदर मेरी बहुत सेवा करता है, क्या चाहता है यह ?
उसने पूछा-सिकंदर तुम्हारी इच्छा क्या है ?
सिकंदर ने जब यह देखा कि योगी प्रसन्न है तो हाथ जोड़कर बोला, “योगीराज यदि आप कृपा कर सकते हैं तो ऐसा कर दीजिए कि सारे भूमंडल पर मेरा राज हो जाए।
योगी ने कहा मैं ऐसा भी कर सकता हूं। मैं तुम्हें सारे भूमंडल का राज्य दे दूंगा, परन्तु एक शर्त है मेरी। मेरा यह खप्पर (कमंडल) है, इसे अनाज से भर दो।
सिकंदर ने कहा- अनाज से क्यों योगीराज, आप मुझे सारे संसार का राज्य देंगे तो मैं आपके इस खप्पर को हीरे-मोती आदि रत्नों से भर दूंगा। इसके उपरांत सिकंदर दोनों हाथों से हीरे-मोतियों को उठाता और खप्पर में डाल देता। सिकंदर का खजाना खाली हो गया। परन्तु खप्पर नहीं भरा।
सिकंदर हांफता हुआ बोला- यह कैसा खप्पर है ? यह भरता ही नहीं।
योगी ने हंसते हुए कहा, “यह मनुष्य खोपड़ी है सिकंदर। यह कभी भरती नहीं। इसके लालच का कभी अंत नहीं होता। धन-दौलत से मनुष्य की कभी तृप्ति नहीं होती, जिसके पास जितना है वह उससे और अधिक चाहता है। धन का पानी वह पानी है जिसको जितना पियो, उतनी ही प्यास बढ़ती है।”