अक्षय तृतीया: आज कर लिया ये काम तो देवी लक्ष्मी पैसों से भर देंगी आपकी झोली

Tuesday, May 07, 2019 - 10:41 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
आज यानि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अऩुसार इस दिन खरीददारी के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। मान्यता है अक्षय तृतीया तिथि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्त्म मानी गई है। इस दिन सोना खरीदने से जितना पुण्य प्राप्त होता है उससे कई गुणा ज्यादा माता लक्ष्मी की पूजा से मिलता है। लेकिन अब आधे से ज्यादा लोगों की चिंता का विषेय ये होगा कि आख़िर इन्हें प्रसन्न किया कैसे जाए। क्योंकि कुछ लोगों को इनकी पूजन-विधि से जुड़े नियम नहीं पता होते तो वहीं बहुत से लोग अपनी भागदौड़ भरी जीवन में इन्हें प्रसन्न करने के लिए समय नहीं निकाल पाते। तो आपको बता दें कि इस शुभ व खास तिथि को देवी लक्ष्मी की कृपा बड़ी आसानी से पाई जा सकती है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि के लिए कुछ ऐसा ही उपाय दिया गया है जिसे करने से आप माता लक्ष्मी से धन-वैभव, सुख-समृद्धि आदि पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है वो उपाय-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री महालक्ष्मी अष्टकम् स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन इसका पाठ करने के मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और हमेशा-हमेशा के लिए जातक के घर से गरीबी को दूर कर देते हैं।

बता दें कि श्री महालक्ष्मी अष्टकम् स्तोत्र का पाठ करने से पहले गणेश वंदना करें और मन में उनका ध्यान करें। इसके बाद ही पाठ आरंभ करें।

श्री महालक्ष्मी अष्टकम् स्तोत्र पाठ
श्री गणेशाय नमः
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते!
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी!
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी!
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी!
मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी!
योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे!
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी!
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते!
जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:!
सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा!!
एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम!
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित:!!
त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम!
महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम!!
।।इतिंद्रकृत श्रीमहालक्ष्म्यष्टकस्तव: संपूर्ण:।।

Jyoti

Advertising