अक्षय तृतीया: कुबेर के समान धनवान बनाएगा दान

Monday, Apr 16, 2018 - 09:32 AM (IST)

पुराणों में लिखा है कि अक्षय तृतीया पर पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान अथवा अपने सामर्थ्य के अनुरूप किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन लोग श्रद्धा से गंगा स्नान भी करते हैं और भगवत पूजन करते हैं ताकि जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकें। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अपने अपराधों की क्षमा मांगने पर भगवान क्षमा करते हैं और अपनी कृपा से निहाल करते हैं। अत: इस दिन अपने भीतर के दुर्गुणों को भगवान के चरणों में अर्पित करके अपने सद्गुणों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। यह हर अच्छी शुरूआत का दिन है। 


इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नता के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊ, छाता, सत्तू, कंकड़ी, खरबूजा आदि फल, शक्कर तथा मिष्ठान्न, घृत आदि पदार्थ ब्राह्मण को दान करने चाहिएं जिससे पितरों की कृपा प्राप्त होती रहे।


इस दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, और शहद आदि वस्तुएं दान करने का महत्व है। जो भी भूखा हो, वह अन्न दान का पात्र है। जो जिस वस्तु की इच्छा रखता है यदि वह वस्तु उसे बिना मांगे दे दी जाए तो दाता को पूरा फल मिलता है। सेवक को दिया दान एक-चौथाई फल देता है। कन्यादान इन सभी दानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए इस दिन कन्या का विवाह किया जाता है।


अक्षय तृतीया पर दान देने वाला सूर्यलोक को प्राप्त होता है।  इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। प्राचीन कथा के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन भगवान शिव ने कुबेर को धन का देवता और मां लक्ष्मी को धन की देवी बनाया था। आप भी धन का वरदान चाहते हैं तो दिल खोल कर करें दान और पाएं कभी न खत्म होने वाले धन का वरदान।

Niyati Bhandari

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