Akhuratha Sankashti Chaturthi: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर चांद को अर्घ्य देते समय रखें दिशा का ध्यान, मानसिक शांति और अच्छे स्वास्थ्य के हकदार बनेंगे आप

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2024 - 06:31 AM (IST)

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Akhurath Sankashti Chaturthi 2024: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन चांद को अर्घ्य देते समय वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इस दिन चंद्र दर्शन के बाद चांद को अर्घ्य देने का महत्व है क्योंकि इसे शुभ माना जाता है और यह मानसिक शांति, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति का प्रतीक होता है। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय वास्तु के निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखना चाहिए:

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Place to offer Arghya on Akhurth Sankashti Chaturthi अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर अर्घ्य देने का स्थान: अर्घ्य देने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें, जो स्वच्छ और खुली हो जैसे घर का आंगन या छत। उत्तर, पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में अर्घ्य देना अच्छा माना जाता है। यह दिशा चंद्रमा के लिए शुभ मानी जाती है। इससे आपके घर में शांति और समृद्धि आएगी।
पूर्व दिशा में भी अर्घ्य देने से लाभ होता है लेकिन दक्षिण दिशा से बचना चाहिए क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है।

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There must be a view of the chanderma चंद्रमा का दृश्य होना चाहिए: चंद्रमा का दर्शन साफ़ और स्पष्ट रूप से होना चाहिए। कोई रुकावट (जैसे पेड़ या दीवार) नहीं होनी चाहिए जो चंद्रमा के दर्शन को बाधित करे।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आसमान में कोई बादल न हो, जिससे चांद का दर्शन स्पष्ट रूप से हो सके।

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Materials for offering Arghya to the Moon चंद्रमा को अर्घ्य देने की सामग्री: अर्घ्य देने के लिए एक साफ पात्र (कांच या स्टेनलेस स्टील का) का उपयोग करें। यह साफ और पवित्र होना चाहिए।
जल, दूध, शहद, गुलाब जल और चावल का मिश्रण अर्घ्य देने के लिए उपयुक्त होता है। इनमें से किसी भी एक या सभी का उपयोग किया जा सकता है।
ताजे फूल या पत्तियां भी अर्पित की जा सकती हैं।

Chanting mantra while offering Arghya अर्घ्य देते समय मंत्र का जाप: चांद को अर्घ्य देते समय विशेष रूप से "ॐ सोम सोमाय नमः" या "ॐ चंद्राय नमः" का जाप करें।
यह मंत्र चंद्र देव की पूजा को और भी फलदायक बना देता है।

Meditation and contemplation while offering arghya अर्घ्य देते समय ध्यान और मनन: अर्घ्य देने के दौरान मन को एकाग्र रखें। इस समय कोई भी नकारात्मक विचार से बचने का प्रयास करें।
चंद्र देव से मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति की कामना करें।

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Cleanliness and hygiene साफ-सफाई और स्वच्छता: अर्घ्य देने से पहले अपनी स्वच्छता का ध्यान रखें। हाथों और मुंह को धोकर ही अर्घ्य दें।
अर्घ्य देते समय अपने चेहरे और शरीर पर पवित्रता का अहसास रखें, ताकि शुद्ध ऊर्जा प्राप्त हो सके।

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Incense, lamps and agarbatti (incense stick)धूप, दीपक और अगरबत्ती: चांद को अर्घ्य देने के समय धूप और दीपक जलाना शुभ होता है। यह वातावरण को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
अगरबत्ती जलाने से भी वातावरण में पवित्रता बनी रहती है।

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Pay attention to evening time संध्या समय का ध्यान रखें: अर्घ्य देने का समय संध्या काल यानी शाम के समय होता है, विशेष रूप से चंद्रमा के दर्शन के बाद। अगर सूर्य अस्त होने के बाद चांद को देखा जाए, तो यह समय अत्यंत शुभ होता है।

Do not use a smartphone स्मार्टफोन का उपयोग न करें: अर्घ्य देने के दौरान स्मार्टफोन, टेलीविजन या अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने से बचें। यह ध्यान केंद्रित करने में बाधा डाल सकता है।

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Summary सारांश: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देते समय वास्तु के अनुसार शुद्धता, सही दिशा और मानसिक शांति का ध्यान रखें। इन सरल वास्तु नियमों का पालन करने से न केवल आशीर्वाद मिलता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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