अजा एकादशी 2020: इन मंत्रों का जप दिलाएगा श्री हरि की कृपा

Thursday, Aug 13, 2020 - 03:44 PM (IST)

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यूं तो हर वर्ष समस्या एकादशी तिथियां का अधिक महत्व है। मगर देवशयनी एकादशी के बाद आने वाली प्रत्येक एकादशी पर लोग पहले से भ ज्यादा भक्ति भाव से पूजा अर्चना करता है। इसका कारण ये है कि देवशयनी एकादशी के साथ सृष्टि के पालहार कहे जाने वाले श्री हरि विष्णु 4 मास की निद्रा में चले जाते हैं। जिसके बाद हर कोई इन्हीं प्रयासों में लगा रहता है कि जब देवउठना एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु अपनी नींद से जागे तो उन पर अपनी अपार कृपा बरसाएं।

ऐसे में अजा एकादशी का पर्व आपकी समस्त इच्छाएं पूरी कर सकता है। जी हां, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से तो लाभ प्राप्त होता है साथ ही देवी लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। बता दें कुछ मान्यताओं के अनुसार इस तिथि को अन्नदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। चलिए आपको बताते हैं इस दिन आप कैसे श्री हरि विष्णु को इस दिन प्रसन्न कर सकते हैं। आप में से बहुत से लोग होंगे जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि भगवान विेष्णु की पूजा से संबंधिक विधि नहीं पता होती। वैसे तो इनकी पूजन विधि कठिन नहीं है फिर भी अगर आपको विधि न पता हो तो आपकी जानकारी के लिए बता दे आप केवल कुछ मंत्रों का जप कर अजा एकादशी पर विष्णु भगवान को प्रसन्न कर उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। 

तो वहीं कहा जाता है इन मंत्रों का जप करने से जातक के समस्च संकटों का नाश होता है तथा धन-वैभव की कमी भी नहीं रहती। अगर तो संभव हो आगे बताए जाने वाले मंत्रों का रोज़ाना जप करना चाहिए। वरना केवल प्रत्येक एकादशी तिथि पर भी इसका जप करके लाभ उठाया जा सकता है। और चूंकि अब अजा एकादशी आ रही है ऐसे में इनका उच्चारण आपकी समस्त प्रकार की समस्याएं दूर कर सकता है। 

ये हैं श्रीहरि नारायण के सरलतम चमत्कारी मंत्र :-
*शीघ्र फलदायी मंत्र
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
 हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ विष्णवे नम:।।

*धन-समृद्धि मंत्र 
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

*धन लाभ मंत्र
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

*विष्णु के पंचरूप मंत्र -
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

*सबसे सरल और लाभदायी मंत्र :-
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- ॐ हूं विष्णवे नम:।

Jyoti

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