Ahoi Ashtami 2024: संतान की सलामती के लिए आज रखा जाएगा अहोई अष्टमी व्रत, इन 5 योगों में करें पूजा
punjabkesari.in Thursday, Oct 24, 2024 - 01:00 AM (IST)
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Ahoi Ashtami 2024: हर जगह दिवाली की तैयारी घरों सहित बाजारों में शुरू हो चुकी है। आज 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग रहेगा और साथ में अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। इस योग में जिनमें प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा। आज अहोई अष्टमी व्रत भी रखा जायेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर्व के अवसर पर नया सामान खरीदने की परम्परा शुरू से ही रही है। 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग है। इसमें खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। गाड़ी, स्वर्ण, चांदी, वस्त्र, बर्तन की खरीदारी शुभ रहेगा। अहोई अष्टमी इस साल 24 अक्टूबर आज मनाई जाएगी। अहोई अष्टमी का व्रत माताएं कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि को रखती हैं। अहोई अष्टमी पर साध्य योग, पुष्य नक्षत्र, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। वहीं, गुरु पुष्य योग को आभूषण, गाड़ी, भूमि, भवन, गृह सामग्री फ्रिज, टीवी आदि खरीदना शुभ साबित होगी। अपने पसंदीदा सामान की इस दौरान खरीदारी कर घरों में खुशियां ला सकते हैं। शनि काे काल पुरुष की ऊर्जा और पुरुषार्थ की प्रेरणा का कारक माना जाता है। बृहस्पति को आध्यात्म, शिक्षा, ज्ञान और त्याग का कारक बताया गया है। पुष्य नक्षत्र के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। ऐसे में हर प्रकार के कार्य सिद्ध माने गए हैं इसलिए सुख-सुविधा को देखते हुए खरीदी करने की मान्यता है।
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ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 24 अक्टूबर को खरीदी का महामुहूर्त ‘पुष्य नक्षत्र’ रहेगा। गुरुवार होने से यह ‘गुरु पुष्य’ नक्षत्र कहलाएगा। इस दिन खरीदारी स्थायी और सुख-समृद्धि देने वाली मानी जाती है। धन की देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। गुरु पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों के समूह में राजा कहा जाता है। ज्योतिष गणना में पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और उप स्वामी बृहस्पति है। अहोई अष्टमी व्रत का महत्व बहुत ही खास माना गया है। इस व्रत को करने से आपकी संतान खुशहाल होने के साथ ही दीर्घायु भी होती हैं। हर प्रकार के रोगों से उनकी रक्षा होता है और बच्चें करियर में खूब तरक्कीत करते हैं। यह व्रत सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रखा जाता है और बिना अन्न-जल ग्रहण तारों को जल अर्पित करने के बाद ही यह व्रत खोला जाता है।
अहोई अष्टमी
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि अहोई अष्टमी इस साल 24 अक्टूबर यानि आज मनाई जाएगी। अहोई अष्टमी का व्रत माताएं कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि को रखती हैं और इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 1:18 मिनट पर शुरू होगी और 25 अक्टूबर को सुबह 1:58 मिनट पर खत्म होगी। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा।
5 शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल की अहोई अष्टमी पर 5 शुभ संंयोग बन रहे हैं। अहोई अष्टमी पर साध्य योग, पुष्य नक्षत्र, गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इन 5 शुभ संयोगों के कारण अहोई अष्टमी का दिन और भी अधिक शुभ फलदायी और महत्वपूर्ण है।
साध्य योग: प्रात:काल से लेकर अगले दिन सुबह 05:23 बजे तक
गुरु पुष्य योग: पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग: पूरे दिन
पुष्य नक्षत्र: पूर्ण रात्रि तक