Ahoi Ashtmi 2020: इस आरती से करें माता अहोई की पूजा, संतान को मिलेगा लाभ

Sunday, Nov 08, 2020 - 08:33 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
08 नवंबर यानि आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दिन रविवार को अहोई अष्टमी का व्रत मनाया जाएगा। सनातन धर्म के शास्त्रों में किए वर्णन के अनुसार इस दिन माता अपनी संतान पाने के लिए न उनकी लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इसके अलावा पूर विधि वत रूप से पूजा की जाती है। मगर पूजा तब अधूरी तब होती है कि जब इनकी पूजा में किए जाने वाला सबसे आवश्यक काम नहीं किया जाता है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक व्रत करने वाली महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी होता है कि वो पूजा आदि समाप्त कर लेने के बाद अहोई माता की आरती का गुणगान करें। 

मगर कुछ ऐसी भी महिलाएं होंगे जिन्हें ये नहीं पता होता कि इनकी किस आरती का गुणगान कर इनकी कृपा पाई जा सकती है। तो बता दें आगे हम आपको पूरी आरती के बारे में बताने वाले हैं- 

जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।

ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।

माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।

तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।

 जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।

तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।

शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।

श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।

ध्यान रहें शाम को तारे को अर्घ्य देने के बाद व संपूर्ण विधि वत तरीके से अहोई माता की पूजा करने के बाद आखिर में इस आरती का श्रद्धापूर्वक अपनी संतान के साथ बैठकर गुणगान करें, संतान की आयु में वृद्धि होती है साथ ही साथ संतान के रिश्तें प्रगाढ़ होते हैं। 

Jyoti

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