Ahoi Ashtami 2019: भूलकर भी न करें ये काम वरना अहोई माता हो जाएंगी नाराज़

Friday, Oct 18, 2019 - 04:43 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में बहुत से ऐसे व्रत और त्योहार शामिल हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हिंदू धर्म में किए जाने वाले अहोई अष्टमी के व्रत के बारे में। ये व्रत एक मां अपनी संतान की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं। ताकि आगे चलकर उसके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे। निसंतान महिलाएं भी इस दिन संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं। अहोई अष्टमी का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा का विधान होता है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन क्या करने से आपको अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। 

शास्त्रों के अनुसार अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा से पहले गणेश भगवान की पूजा करनी चाहिए। इस दिन निर्जल रहकर व्रत किया जाता है। ऐसा करने से संतान आयु लंबी होती है और उसे समृद्धि प्राप्त होती है।

इस दिन सास-ससुर के लिए बायना अवश्य निकालें। सास-ससुर आपके पास नहीं रहते हैं तो इस बायने को किसी पंडित या फिर किसी बुजुर्ग को दे सकते हैं।

रात के समय तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। ऐसा करने से संतान की आयु लंबी होती है और निसंतान को संतान सुख की प्राप्ति होती है।

इस दिन व्रत कथा सुनते समय 7 प्रकार का अनाज अपने हाथों में रखें और पूजा के बाद इस अनाज को किसी गाय को खिला देना चाहिए। पूजा करते समय अपने बच्चों को पास बिठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वह प्रसाद अपने बच्चों को खिलाएं।

किसी गरीब व्यक्ति को दान- दक्षिणा देने से व्रत की पूर्ण फल की प्राप्ति होती है। 

अहोई अष्टमी के दिन पूजन के बाद किसी ब्राह्मण या गाय को भोजन जरूर कराएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

Lata

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