इस एक गुण की वजह से इंसान होते हैं जानवरों से अलग

Wednesday, Feb 13, 2019 - 03:41 PM (IST)

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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में ऐसी बहुत सारी बातों के बारे बताया है कि जिन्हें अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो उनका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होगा। चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने जानवर और इंसान के गुणों के बारे में बताया है। उनका कहना है कि एक ही गुण ऐसा होता है जो व्यक्ति को जानवर से अलग दर्शाता है। चाणक्य का मानना है कि इंसान को अपने गुण कभी नहीं खोने चाहिए।  

श्लोकः
आहारनिद्राभयमैथुनानिसमानि चैतानि नृणां पशूनाम्।
ज्ञानं नराणामधिको विशेषो ज्ञानेन हीनाः पशुभिः समानाः॥ 

वैसे तो हर इंसान और जानवर की पहली प्राथमिकता पेट भरना ही है। लेकिन इसके साथ-साथ उनके लिए सोना भी उतना ही जरूरी है। वहीं इंसान और जानवर दोनों में एक भय बना रहता है  कि वे अपने जीवन की सुरक्षा कैसे करें।

लेकिन इन बातों के अलावा इंसानों में एक बात ओर होती है जो इंसान को जानवरों से अलग बनाती है, जोकि ज्ञान है जो उन्हें जानवरों से अलग बनाता है। ये एक ऐसी शक्ति है जिसे अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में बड़ी से बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकता है। जबकि ये गुण जानवर के पास नहीं होता है। चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि इंसान बिना ज्ञान के जानवरों के ही समान है। यानि जो व्यक्ति अपने ज्ञान का इस्तेमाल नहीं करता वो जानवर के समान ही होता है।
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Lata

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