विदुर नीति: अगर आप में हैं ये गुण तो होगी स्वर्ग की प्राप्ति

Friday, Sep 25, 2020 - 01:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म के लगभग समस्त ग्रंथ में जितना उल्लेख देवी-देवताओं के बारे में मिलता है। उतना ही इन शास्त्रों से ज्ञान भी प्राप्त होता है। इन ग्रंथों में रामायण से लेकर महाभारत ग्रंथ भी शामिल हैं। कहा जाता है त्रेताा तथा द्वापर युग  दोनों ही युग में न केवल भगवान के अनेकों रूपों ने बल्कि अन्य कई ऐसे महान पात्र थे जिन्होंने अपने ज्ञान का न केवल अच्छे से प्राक्ट्य किया था बल्कि इससे दूसरों की भी अधिक मदद की थी। इनमें से एक थे ज्ञान के अपार भंडार के स्वामी महात्मा विदुर। जिन्होंने अपनी ज्ञान को नीतियों का रूप देकर महाभारत युद्ध के समय धृतराष्ट्र को लगभग हर संदर्भ के बारे में बताया था। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में महात्मा विदुर जी की ही नीति के बारे में बताने वाले हैं जिसमें उन्होंने बताया है कि कौन से लोग स्वर्ग को प्राप्त होते हैं। 

तो आइए अधिक देर न करते हुए आपको बताते हैं महाभारत में अपनी एक अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा विदुर के नीति सूत्र के उस श्लोक के बारे में जिसमें उन्होंने बताया है कि किन गुणों वाला व्यक्ति स्वर्ग को प्राप्त होता है। 

विदुर नीति श्लोक- 
गृहीतवाक्यो नयविद् वदान्यः शेषान्नभोक्ता ह्यविहिंसकश्च।  
नानर्थकृत्याकुलितः कृतज्ञः सत्यो मृदुः स्वर्गमुपैति विद्वान्।। 

जानें इस श्वोक में बताए गए गुण- 
महात्मा विदुर जी बताते हैं जो व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा बड़ों की आज्ञा मानता है, वो कभी किसी तरह का धोखा नहीं खाता। ऐसे लोगों को अपने जीवन में सफलता तो मिलती है साथ ही साथ वह हमेशा समाज में सम्मान के साथ-साथ प्रेम के पात्र भी बनते हैं। 

जो इंसान अपने जीवन में नीतियों का पालन हमेशा कुशल ढंग से करता है, वह सबके बीच में अपनी एक अलग पहचान पाने में सक्षम होता है। क्योंकि हर काम को कुशलता पूर्वक करने से ऐसे लोग अपने जीवन में उच्च आदर्शों को प्राप्त कर लेते हैं। अपनी इस कुशलता के कारण वो परम ज्ञानी के नाम से जाने जाते हैं, तथा मृत्यु को प्राप्त होने के बाद स्वर्ग को प्राप्त होते हैं। 

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में दान-पुण्य जैसे कर्म करने चाहिए। कहा जाता है जो व्यक्ति दान-पुण्य जैसा कोई कार्य करता है, उसका ह्रदय अधिक कोमल होता है। ये पुण्य आत्माओं में से एक माने जाते हैं। इन पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। तथा ये मृत्यु के स्वर्ग को प्राप्त होते हैं। 

धार्मिक कार्य अनुष्ठान करवाने वाले, किसी आयोजन में शामिल होकर श्रद्धा भाव से भोजव करने वाले लोगों को भी विदुर बहुचत गुणी बताते हैं, इन्हें जीते जी भी मान-सम्मान भरी लाइफ जीने को मिलती है तथा मृत्यु के बाद स्वर्ग प्राप्त होता है। 

इसके अलावा जो व्यक्ति कभी अपने जीवन में अहिंसा की राह नहीं पकड़ता, जो कभी बुरे कर्मों में अपने आप को हिस्सेदार नहीं बनाता, वो भी पुण्य आत्मा कहलाता है। ऐसे लोगों बिना किसी कष्ट को झेले स्वर्ग मिलता है।  

विदुर जी के इस श्लोक के अनुसार हमेशा दूसरों के प्रति कृतज्ञ रहने वाला व्यक्ति स्वर्ग को प्राप्त होता है। विदुर के मुताबिक ऐसा व्यक्ति अधिक सब्र व संतोष होता है। जो हमेशा भगवान के प्रति कृतज्ञता का भाव रखता है और मोक्ष पाता है। साथ ही साथ विदुर जी बताते हैं जो कभी जीवन में बड़ी से बड़ी चीज़ को हासिल करने के लिए झूठ का सहारा न लेकर हमेशा मेहनत और सच की राह पर स्पष्टवादी व निडर होकर चलता है, जीवन में सफलता के साथ-साथ आखिर में मोक्ष हासिल करता है। आखिर में विदुर कहते हैं कि ईमानदार व्यक्ति तथा विन्रम व्यक्ति भी मृत्यु के पश्चात स्वर्ग लोक को प्राप्त होते हैं। 

 

Jyoti

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