क्या है वास्तु का Books से कनेक्शन, जानिए यहां

Sunday, Oct 04, 2020 - 12:24 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में बच्चों के कमरों से लेकर उनकी स्टडी टेबल वह उनके खेलने कूदने की जगह को लेकर काफी  हिदायतें दी गई हैं। कहा जाता है कि अगर घर में बच्चों के पढ़ाई की जगह वास्तु के अनुसार हो तो उनका पढ़ाई में मन अच्छे से एकाग्र हो पाता है साथ ही साथ उनको भविष्य में मिलने वाले रिजल्ट अच्छे मिलते हैं। तो वहीं इसके अलावा घर में रखे जाने वाले बुकशेल्फ  से जुड़ी भी वास्तु में  कई बातें बताई गई है। आज हम आपको उन्हीं बातों से अवगत करवाएंगे जिसके माध्यम से आप जान पाएंगे कि वास्तु और किताबों का क्या कनेक्शन है। साथ ही साथ घर में बुकशेल्फ किस प्रकार से होना चाहिए और कैसे यह शुभ प्रभात देता है। कहा जाता है कि किताबों से हमेशा लाभ मिलता है, ये हर व्यक्ति के ज्ञान को बढ़ाती हैं। मानव जीवन के लिए ज्ञान एक ऐसी धरोहर है, जो कभी खत्म नहीं हो सकती। जिसे अर्जित करने में किताबें हमारा मार्गदर्शन करती हैं। यही कारण है कि कहा जाता है कि इन्हें रखने का स्थान बिल्कुल अच्छा होना चाहिए। 

यहां जानें वास्तु के अनुसार पुस्तकों कौन सी दिशाएं निर्धारित की गई हैं- 

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों को पढ़ाई में अच्छे नतीजों को अपनी स्टडी टेबल पर पड़ी किताबें हमेशा पूर्व दिशा की ओर रखनी चाहिए। इसके अलावा इस बात की ओर भी ध्यान देना चाहिए कि ऐसा करते वक्त पीठ कभी दरवाज़े की तरफ़ न हो। 

बच्चों का स्टडी रूम हमेशा ईशान और पूर्व के मध्य, उत्तर, वायव्य, पश्चिम और वायव्य कोण में होना चाहिए। साथ ही ये ध्यान रखना चाहए स्टडी रूम में किताबें खुली हुई रैक में न हो। कहा जाता इससे बच्चों के अंदर नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। बल्कि जहां भी बुक्स पढ़ी हो उसका दरवाज़ा कभी खुला न हो। 

कुछ लोग बुकशेल्फ को अपने बेडरूम में रखते हैं, मगर वास्तु के अनुसार इसकी सही जगह ड्राईंग रूम में बताई जाती है। कहा जाता है बेडरूम में इसे रखने से दंपत्ति के जीवन में नैगेटिविटी बढ़ने लगती है। 

तो वहीं इस बात की ओर खास ध्यान दें कि जहांपर भी किताबें रखी हो, उस जगह का साफ-सुथरा होना बहुत ज़रूरी होता है। खास ध्यान रखना चाहिए कि इन पर कभी भी भी धूल मिट्टी न हो। ऐसा होने पर पढ़ने वाले का मन एकाग्र नहीं बो पाता। 

वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि स्टडी रूम में अच्छे प्रभाव के लिए अमेथिस्ट रॉक होना चाहिए। साथ ही ये भी बताते हैं कि कभी भी बच्चों का स्टडी रूम नैऋत्य दिशा और दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। 

Jyoti

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