वास्तु से जानें कैसे करें शिवलिंग की पूजा, कौन से फूल चढ़ाने से होगी हर इच्छा पूरी
Saturday, Jul 11, 2020 - 02:56 PM (IST)
शास्त्रों कि बात, जानें धर्म के साथ
सावन में शिव जी के लिंग रूप की पूजा सबसे फलदायी मानी जाती है। कहा जाता है जो व्यक्ति इस दौरान विधि विधान के साथ सच्चे श्रद्धा भाव से इनकी आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मगर बता दें इसके अलावा भी कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक माना जाता है। जैसे कि अगर घर में शिवलिंग स्थापित किया जाए तो किस दिशा में होना चाहिए, कौन सी जगह पर पूजा करने से संपूर्ण लाभ प्राप्त होगा, पूजा की संपूर्ण सामग्री क्या होनी चाहिए, कौन से फल-फूल चढ़ाने से प्राप्त होती है?
बहुत कम लोग जानते हैं कि शिव जी की पूजा में उपरोक्त बताई बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए। हालांकि शास्त्रों में भोलेनाथ को बहुत ही भोले कहा जाता है, मान्यता है कि इनका जो भी भक्त मन में सच्ची श्रद्धा भाव रखते हुए इन्हें जल भी अर्पित करता है, ये उसकी भी समस्त इच्छाएं पूरी करतेह हैं। परंतु अगर इनकी पूजा में किसी तरह की कोई भूल हो जाए तो ये रुष्ट भी हो जाते हैं।तो अगर आप इन्हें रुष्ट नहीं करना चाहते तो आगे जानें कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक शिवलिंग की पूजा करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही जानें कि सावन मेें इन्हें कौन से फूल अर्पित करने से इनकी असीम कृपा प्राप्त हो सकती है।
06 जुलाई से सावन का माह आरंभ हो चुका है, जिसके साथ ही भोलेनाथ के भक्त के इनकी भक्ति में खो चुके हैं। बता दें जो लोग संक्रांति से सावन के व्रत रखते हैं, वो 17 जुलाई से व्रत शुरू कर सकते हैं। कई बार लोग भक्ति में इतना खो जाते हैं कि वो सही गलत में फर्क नहीं कर पाते। यानि कई बार गलत तरीके से पूजा करने लगते हैं। ऐसे में उनके लिए ये जानना बेहद ज़रूरी होता है कि शिवलिंग की स्थापना से लेकर इसकी पूजा के क्या निया है।
तो अगर आप घर में शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं या फिर कर चुके हैं तो सबसे पहले इस बातो को जान लें कि इसके लिए सटीक दिशा क्या है?
वास्तु के अनुसार घर में शिवलिंग स्थापित करते समय ये ध्यान में रखें कि जब भी आप पूजा करें आपका मुख दक्षिण दिशा में आए। इस बात को दिमाग में रखें कि जहां शिवलिंग स्थापित करें वहां अंधेरा न रहता हो। हमेशा इसे खुली जगह पर स्थापित करना चाहिए, तभी लाभ प्राप्त होता है।
वास्तु के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में भी शिवलिंग की पूजा पूर्व दिशा की ओर मुख करके करनी सही नही मानी जाती है।
इसके अलावा कभी शिवलिंग के उत्तर में नहीं बैठना चाहिए, इसका कारण है कि इस दिशा में भगवान शंकर का बांया अंग होता है, ये स्थाव शक्ति स्वरूपा मां उमा की होता है। बताते चलें शिवलिंग के पश्चिम में बैठकर भी पूजा नहीं करनी चाहिए, इससे पूजा करने से शुभ नहीं बल्कि अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए उन पर चढ़ाएं ये फूल-
केतकी के फूल
मदंती के फूल
केवड़ा के फूल
जूही के फूल
कुंद के फूल
शिरीष के फूल
कंद (वसंत में खिलने वाला एक विशेष फूल)
अनार के फूल
कदंब के फूल
सेमल के फूल
सारहीन फूल/ कठूमर के फूल
कपास के फूल
पत्रकंटक के फूल
गंभारी के फूल
बहेड़ा के फूल
तिंतिणी के फूल
गाजर के फूल
कैथ के फूल
कोष्ठ के फूल
धव के फूल