बिना कुछ खर्च किए वास्तु दोष और रोगों का होगा The end

Tuesday, Oct 18, 2022 - 02:01 PM (IST)

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Vastu dosh: प्रत्येक रंग का अपना प्रभाव होता है। यदि हम भवन का रंग एवं उसकी आतंरिक गृह सज्जा अनुकूल रंग से कराएं तो भी भवन-निर्माण में हुए वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं तथा अपने जीवन को सुखी-समृद्ध बना सकते हैं। वास्तु दोष कैसे दूर करें-

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घर के द्वार पर आगे-पीछे वास्तुदोष नाशक हरे रंग के गणपति को स्थान दें।

बाहर की दीवारों पर हरा रंग लगवाएं।

मुख्य द्वार पर वास्तु मंगलकारी लाल रंग का यंत्र लगाएं।

घर की मुख्य पूजा में पीत वर्ण के गणपति को स्थान दें।



Vastu dosh and diseases: विभिन्न रंग और रोगों का निदान वैज्ञानिकों ने विभिन्न रंगों के सम्मिश्रण से बने कुछ ऐसे रंग खोज निकाले हैं जो रोगोपचार में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

लैमन (नींबू) हल्के पीले और हरे रंग का सम्मिश्रण है जिसमें रेचक का गुण विद्यमान हैं। मस्तिष्क के सेरिबल भाग को अनुप्राणित करने में इसकी सक्रिय भूमिका रहती है। इससे मिला पीला रंग एंटेसिड (अम्लपित्त नाशक) होता है।

दर्दनाशक के रूप में बैंगनी रंग की रश्मियां प्रयुक्त होती हैं। यह रंग लाल और नीले रंग की अधिक मात्रा को मिलाने से बनता है जिसकी मलेरिया उन्मूलन में विशेष उपयोगिता बताई गई है।


संदूरी रंग (स्कारलेट) की उत्पत्ति लाल रंग की अधिकतम तथा नीले रंग की न्यूनतम मात्रा के सम्मिश्रण से होती है। यह गुर्दे और कामेद्रिंय को उत्तेजित करता है। लाल और बैंगनी रंग मिलाकर मजैंटा कलर तैयार करते हैं। इसे हृदय और एड्रीनल ग्लैंड को सक्रिय बनाने में उपयोगी पाया गया है।

फिरोजी रंग को नीले और हरे रंग का मिश्रण कहा जाता है। चर्म रोग अथा त्वचा में होने वाली किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को यह रंग रोकता है।

लाल और सफेद रंग मिलाकर गुलाबी रंग तैयार होता है। भावनात्मक विकास में इसका बहुत अधिक महत्व समझा जाता है।

Niyati Bhandari

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