शास्त्रों के अनुसार, लड़कियों को नहीं करने चाहिए ये काम

Wednesday, Jan 24, 2018 - 11:49 AM (IST)

सनातन धर्म के शास्त्र गौतम और आपस्तम्ब धर्मसूत्र के अनुसार कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जो महिलाओं को नहीं करने चाहिए। आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीतियों में बहुत सारे ऐसे कामों का उल्लेख किया है, जो स्त्रियों के लिए वर्जित हैं। आधुनिक रंग में रंगे लोगों को शायद ये नियम बेबुनियाद लगें लेकिन शास्त्रों में लिखा कभी भी निराधार नहीं हो सकता। इस बात का आकंलन आप इसी बात से लगा सकते हैं की इतिहास में जो महिलाएं शास्त्रों का पालन करती थी वो आज भी कितनी पूजनीय हैं। ये गलतियां करने से हर वर्ग की महिलाओं को बचना चाहिए।


विष्णु स्मृति, आपस्तंब धर्म सूत्र और चाणक्य नीति में कहा गया है, शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिलाओं को आवश्यक रूप से स्नान करना चाहिए। ऊपरी शक्तियां ऐसी महिलाओं की ओर आकर्षित होती हैं और उन पर हावी हो जाती हैं। घर से निकलने से पहले स्नान अवश्य कर लेना चाहिए। 


जब चन्द्रमा की कलाएं घटती हैं, उस दौरान मन अत्यधिक भावुक होता है तो ऊपरी बाधाएं आसानी से अपना बसेरा बना लेती हैं। रात को बिस्तर पर लेटते ही बहुत सी महिलाओं की आदत होती है बंधे बालों को खोल देती हैं। फिर सोती हैं। पुराणों के अनुसार इससे व्यक्तित्व पर द्वेषपूर्ण प्रभाव पड़ता है। निगेटिव ऊर्जा सक्रिय हो जाती है। अत: प्रतिदिन सोने से पूर्व बालों को बांध लें।


पुराणों और स्मृतियों में कहा गया है हल्दी अथवा उबटन लगाने के बाद महिलाओं को स्नान करने के बाद ही घर से निकलना चाहिए अन्यथा बुरी शक्तियां उनकी ओर मोहित हो जाती हैं।


रात को सोने से पहले इत्र अथवा डियो न लगाएं। नकारात्मक शक्तियां सुंगध की तरफ जल्दी आकर्षित होती हैं। 


विष्णु पुराण में कहा गया है, सूर्यास्त के बाद श्मशान और चौराहों के आस-पास नहीं जाना चाहिए। संध्या या रात के समय यहां तंत्रिक क्रियाएं होती हैं। 


धर्मसूत्र और स्मृति ग्रंथों के अनुसार मेहंदी की ओर ऊपरी बाधाएं अपना प्रभाव रखती हैं। मेहंदी लगाकर नहीं सोना चाहिए। 

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