Jaya Ekadashi: ये है जया एकादशी व्रत कथा, पूजा विधि और उपाय

Tuesday, Feb 20, 2024 - 06:47 AM (IST)

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2024 Jaya Ekadashi Vrat:आज माघ शुक्ल ग्यारस पर जया एकादशी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन विष्णु के जगदीश्वर स्वरूप के पूजन का विधान है। पद्मपुराण के अनुसार जया एकादशी का पालन करने से मनुष्य ब्रह्म हत्यादि पापों से छूट कर मोक्ष पाता है व इसके प्रभाव से भूत, पिशाच योनियों से मुक्त होता है।

What is the story of Jaya Ekadashi: इस संदर्भ में श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एक कथा सुनाई जिसके अनुसार कालांतर में देवराज इंद्र नंदन वन में अप्सराओं संग विहार कर रहे थे व गंधर्व गान कर रहे थे। गंधर्वों में पुष्पदंत व उसकी कन्या पुष्पवती, चित्रसेन व उसकी स्त्री मालिनी सहित उसके दो पुत्र पुष्पवान व माल्यवान भी उपस्थित थे। माल्यवान पर मोहित गंधर्व कन्या पुष्पवती ने माल्यवान को रूप लावण्य से मोहित कर लिया। गंधर्व इंद्र हेतु गान करने लगे परंतु भ्रमित चित्त के कारण उनके बेसुर-ताल से कुपित इंद्र ने उन्हे शाप दे दिया। जिसके अनुसार पुष्पवती व माल्यवान ने मृत्यु लोक में पिशाच रूप धारण कर्मफल भोगा। जया एकादशी पर उन्होंने भोजन व पाप त्यागकर पीपल के नीचे रात भर जागकर जगदीश्वर जाप किया। जिससे उनकी पिशाच योनि छूट गई। जया एकादशी के विशेष पूजन, उपाय व व्रत से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है, शत्रुओं पर जीत मिलती है व मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।


 Jaya Ekadashi puja vidhi: पूजन विधि: घर की पश्चिम दिशा में नीले वस्त्र पर पानी भरे स्टील के कलश पर नारियल स्थापित कर जगदीश्वर विष्णु का विधिवत पूजन करें। घी का दीप करें, गुलाब की अगरबत्ती करें, चंदन चढ़ाएं, कस्तुरी का इत्र व नीले फूल चढ़ाएं, कृष्ण तुलसी व नारियल की खीर का भोग लगाएं व चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में कन्या को खिलाएं।


 Jaya Ekadashi puja mantra: पूजन मंत्र: ॐ नमो भगवाते जगदीश्वराय ॥


Jaya Ekadashi 2024 Upay: इस विधि से श्री हरि को करें प्रसन्न
श्री हरि विष्णु की धूप, दीप, चंदन, फल, तिल एवं पंचामृत से पूजा करें।

रात को जागरण करें।


अन्न न खाएं, फलाहार करें।

द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद व्रत का पारण करें।

 

 

Niyati Bhandari

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