Shakambhari Jayanti: मां शाकंभरी करेंगी नेत्रों के विकारों व असाध्य रोगों का होगा सफाया

Thursday, Jan 25, 2024 - 09:03 AM (IST)

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Shakambhari Jayanti 2024: आज गुरुवार दि॰ 25.01.24 को प्रदोषव्यापिनी पौष पूर्णिमा को देवी शाकंभरी नवरात्रि का पूर्णाहुति पर्व मनाया जाएगा। देवी शाकंभरी आद्याशक्ति दुर्गा के अवतारों में एक हैं। मान्यतानुसार शाकंभरी नवरात्रि का प्राकृतिक रूप में बड़ा महत्व है। पौष शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक शाकंभरी नवरात्र मनाए जाते हैं। इन दिनों विशेषकर देवी शाकंभरी के अन्नपूर्णा स्वरूप की साधना की जाती है। इन दिनों में वनस्पति की देवी शाकंभरी की आराधना की जाती है । शाकंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न शाक-सब्जियों, फल-मूल आदि से संसार का भरण-पोषण किया था। इसी कारण ये 'शाकंभरी' नाम से विख्यात हुई। 

पौराणिक मतानुसार जब दानवों के उत्पात से सृष्टि में अकाल पड़ गया। तब देवी शाकंभरी रूप में प्रकट हुईं। इस रूप में उनकी 1,000 आंखें थीं इसलिए इन्हें 'शताक्षी' भी कहते हैं। जब उन्होंने अपने भक्तों को दयनीय रूप में देखा तो लगातार 9 दिनों तक वे रोती रहीं। रोते समय उनकी आंखों से जो आंसू निकले उससे अकाल दूर हुआ और चारों ओर हरियाली छा गई। शाकंभरी के विशेष पूजन व उपाय से घर में अन्न धान्य की कमी दूर होती है, नेत्रों के विकार दूर होते हैं व असाध्य रोगों का शमन होता है।

पूजन विधि: देवी शाकंभरी के चित्र का दशोपचार पूजन करें। तांबे के दीये में तेल का दीप करें, गूगल से धूप करें, लाल गुड़हल का फूल, सिंदूर व गेहूं चढ़ाएं, गुड़ का भोग लगाएं तथा लाल चंदन की माला से 108 बार इस विशिष्ट मंत्र को जपें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट करें।

पूजन मंत्र: ॐ शताक्षे शंखिनीभ्यां चक्षूरोगान् शमय तेजो दर्शय नमः॥

आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
लाल।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।
आज का गुडलक मंत्र: ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति शाकंभरी स्वाहा॥

आज का बर्थडे गुडलक: नेत्र विकारों से मुक्ति हेतु चंद्रदेव पर अर्घ्य दिए हुए जल से नित्य आंखें धोएं।

आज का एनिवर्सरी गुडलक: अन्न धान्य की कमी दूर करने हेतु शाकंभरी पर चढ़ें गेहूं के 15 दाने किचन में छुपाकर रखें।

गुडलक महागुरु का महा टोटका: असाध्य रोगों के शमन हेतु देवी शाकंभरी पर चढ़ा कोहड़ा (कद्दू) किसी चौराहे पर रख दें।

Niyati Bhandari

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