मखौड़ाधाम से 84 कोसी परिक्रमा पूजा-अर्चना जयघोष के साथ हुई शुरू

Sunday, Apr 01, 2018 - 03:40 PM (IST)

बस्ती: विश्व प्रसिद्ध अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा आज तड़के मखौड़ाधाम से पूजा अर्चना और भगवान श्रीराम के जयघोष के साथ शुरू हुई। देश विदेश से आए संत महात्माओं तथा नागरिकों द्वारा 84 कोसी परिक्रमा में शामिल होकर अगले पड़ाव राम रेखा मंदिर के लिए भजन कीर्तिन गाते हुए प्रस्थान किया। भक्तों तथा श्रद्धालुओं द्वारा परिक्रमा में शामिल साधू संतों तथा नागरिकों का स्थान-स्थान पर स्वागत किया जा रहा है। यह परिक्रमा अयोध्या के प्रसिद्ध संत गया दास के नेतृत्व में शुरू हुई है। इस अवसर पर संत गयादास ने कहा कि अयोध्या की विश्व प्रसिद्ध चौरासी कोसी परिक्रमा की परंपरा सदियों पुरानी है। इस यात्रा में श्रद्धालु भगवान राम के राज्य के 84 कोस का भ्रमण करते है। माना जाता है कि भगवान राम की अयोध्या से 84 कोस का इलाका भी अयोध्या धाम ही है। सनातन धर्म में 84 लाख योनियां होती है तथा देवी-देवताओं भी 84 कोटि होती है। इस लिए 84 कोसी परिक्रमा करने से मनुष्य को 84 लाख योनियों में भटकने से छुटकारा मिल जाता है और मृत्यु के बाद मनुष्य स्वर्गधाम में पहुंच जाता है। 


उन्होने कहा कि यह परिक्रमा करने से मनुष्य को पुण्यफल की प्राप्ति होती है और उसका सब पाप धुल जाता है। 84 कोसी परिक्रमा 22 दिनों में पूरी होगी। परिक्रमा में शामिल श्रद्धालु 22 दिनों में पांच जिलों के 21 पड़ावों पर रात्रि विश्राम करेंगे। संत गयादास ने बताया है कि 84 कोसी परिक्रमा में सम्मलित होने वाले श्रद्धालुओं को गठित समिति की तरफ से परिचय पत्र दिया गया है। अब तक 2000 से अधिक लोगों का पंजीकरण हुआ है। साथ ही जिन लोगो का पंजीकरण किसी वजह से नही हो पाया है वे रास्ते में कही भी शामिल हो सकते है। उन्हें पहचान पत्र अपने साथ रखना अनिवार्य है। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा तथा किसी आपात स्थिति में परिजनों को सूचना देना है। यह परिक्रमा 22 अप्रैल को मखौड़ा धाम आकर ही समाप्त होगी। बस्ती पुलिस परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक राकेशचन्द्र साहू ने बताया है कि 84 कोसी परिक्रमा के मार्ग में पड़ने वाले पुलिस थानों को सुरक्षा व्यवस्था के लिये कड़े निर्देश देकर सतर्क कर दिया गया है। छावनी के थानाध्यक्ष को श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा सौपा गया है। संतों की सुरक्षा व्यवस्था दुबौलिया के इंस्पेक्टर संभालेंगे। सेरवाघाट पार करने तक दुबौलिया पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में लगी रहेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परिक्रमा में सम्मलित होने के लिए साधु संतों का जत्था इलाहाबाद, बनारस, अयोध्या, नैमिषरण्य, गया, जनकपुर और नेपाल के अलावा देश के 

Jyoti

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