2026 Grahan List: जानें, भारत में दिखाई देने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण की पूरी जानकारी
punjabkesari.in Sunday, Nov 16, 2025 - 11:58 AM (IST)
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2026 Grahan List: अगला साल यानी 2026 खगोल विज्ञान प्रेमियों और ज्योतिष में विश्वास रखने वालों, दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। अगले साल आकाश में कुल चार ग्रहण की घटनाएं घटित होंगी- जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। ये प्राकृतिक खगोलीय घटनाएं न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से दिलचस्प हैं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखती हैं। हालांकि, भारत में रहने वाले लोगों के लिए इन चारों में से भारत में वास्तव में कितने ग्रहण दिखाई देंगे ये जानना बहुत जरूरी है। तो आइए जानते हैं कि 2026 में से कितने भारत में दिखाई देंगे और किस तारीख को आकाश में इनका अद्भुत नजारा देखा जा सकेगा।
Solar Eclipses सूर्य ग्रहण 2026
वर्ष 2026 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे, लेकिन भारत में ये दोनों ही दिखाई नहीं देंगे।
| ग्रहण का प्रकार | तिथि | भारत में दृश्यता | सूतक काल |
| वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) | 17 फरवरी 2026 (मंगलवार) | नहीं दिखाई देगा | मान्य नहीं |
| पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) | 12 अगस्त 2026 (बुधवार) | नहीं दिखाई देगा | मान्य नहीं |
17 फरवरी का सूर्य ग्रहण: यह ग्रहण मुख्य रूप से अंटार्कटिका, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
12 अगस्त का सूर्य ग्रहण: यह ग्रहण आर्कटिक, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन और रूस के कुछ हिस्सों में दिखेगा। भारत में इस समय दिन होने के कारण यह ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा।
Lunar Eclipses चंद्र ग्रहण 2026
| ग्रहण का प्रकार | तिथि | भारत में दृश्यता | सूतक काल |
| पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) | 3 मार्च 2026 (मंगलवार) | दिखाई देगा (आंशिक रूप से) | मान्य होगा |
| आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) | 28 अगस्त 2026 (शुक्रवार) | नहीं दिखाई देगा | मान्य नहीं |
3 मार्च का चंद्र ग्रहण (भारत में दृश्य): यह साल का इकलौता ग्रहण होगा जो भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह आंशिक रूप से ही दृश्य होगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्य होगा, इसलिए इसके लिए सूतक काल के नियम पूरी तरह से लागू होंगे।
28 अगस्त का चंद्र ग्रहण: यह ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के क्षेत्रों में दिखाई देगा, जबकि यह भारत में दृश्य नहीं होगा।
