12 साल बाद ग्रहों का बना कुछ ऐसा संयोग, जो किस्मत को सोने सी चमकाएगा

Thursday, Jan 26, 2017 - 02:25 PM (IST)

27 जनवरी, शुक्रवार को माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या है। 12 वर्ष के बाद इस अमावस्या पर अमृत योग का संयोग बना है। सभी ग्रह-नक्षत्र भी शुभता का संदेश दे रहे हैं। सूर्य व चंद्रमा मकर राशि में होकर एक साथ युति करेंगे। सूर्य-चंद्र की युति में गुरु की दृष्टि से अमृत वर्षा का योग बनेगा। इस दौरान किया गया न केवल स्नान-दान बल्कि खरीदारी भी शुभ होगी। स्नान-दान के लिए सारा दिन ही पर्व काल रहेगा। इस दिन किए गए उपाय आपकी किस्मत को सोने सी चमका सकते हैं।


पितृ दोष निवारण: अमावस्या को किया गया दान, जप एवं शिव और मार्तंड पूजा का विशेष फल मिलता है। इस काल को पितृदोष से मुक्ति प्रदान करने वाला भी कहा गया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पितृ गण नाराज हों तब सामने आई सफलता अचानक असफलता में बदल जाती है। पितृ गणों की नाराजगी से संतान सुख में भी बाधा आती है। पितृ गणों को खुश करने के लिए श्रवण शनिश्चरी अमावस्या उत्तम दिन माना गया है। इस दिन शिवलिंग का दूध में तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद पीपल की जड़ में दूध चढ़ाना चाहिए तथा पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद पीपल के पत्तों पर पांच प्रकार की मिठाईयां रखकर पितरों का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें तथा प्रसाद खुद न खाकर, गरीबों में बांट दें।

 

रोग निवारण: जो लोग बहुत लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी में घिरे हैं उन्हें अमावस्या शुभ फल प्रदान करेगी। इस दिन मौन रहकर प्रातःकाल पानी में दूध और तिल मिलाकर स्नान करने का बड़ा महत्व है। ऐसा करने से एक हजार गाय दान करने का फल प्राप्त होता है। साथ ही निश्चित ही रोग और कष्टों से राहत मिलती है।


पारिवारिक कष्ट निवारण: माता-पिता यदि संतान की मनमानी या व्यवहार से दुखी हों तो इस दिन की गई आराधना से उनके संकट का निवारण होगा।


व्यवसायिक दोष निवारण: जिन व्यक्तियों को जीवन में में बार-बार कष्ट और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है अथवा जिनका व्यवसाय काफी मेहनत करने के बाद भी फलीभूत नहीं हो पाता है, उनके लिए अमावस्या शुभ फल प्रदान करेगी। 

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