श्री महावीर हनुमान मंदिर में घंटी बजाने का निकाला गया ये बेमिसाल आडिया

Friday, Aug 28, 2020 - 07:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कोरोना के कारण अभी तक देश में बहुत से मंदिर नहीं खोले गए, तो वहीं जो खोले भी गए वहां भी इस महामारी के चलते बहुत से बदलाव किए गए हैं, जिसकी वजह से काफी लोग निराश है। हालांकि लोग तमाम नियमों आदि का पालन करते दिखाई तो दे रहे हैं। मगर मंदिर में कुछ अपने भगवान को कुछ भेंट न कर पाना, प्रसाद ग्रहण न करना व घंटी आदि की ध्वनि को न सुन पाना ये सारी बाते कहीं न कहीं भगवान के हर भक्त को परेशान दे रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की इसी निराश को देखते हुए उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के अतुल जैन ने ऐसा काम कर दिखाया है जिसके चर्चे चारों तरफ हो रहे हैं।

दरअसल अतुल ने कोरोना काल में हापुड़ के रहने वाले अतुल जैन ने एक ऐसी घंटी का अविष्कार किया जिसे एक सेंसर के मदद से बिना हाथ लगाए ही बजाया जा सकता है। बता दें ये अद्भुत कार्य अतुल ने उत्तर प्रदेश के श्री महावीर हनुमान मंदिर किया है। बता दें अपनी वेबसाइत के माध्यम के माध्यम से हम आपको पशुपति नाथ मंदिर में मुस्लिम व्यक्ति द्वारा भी ये कार्य किया गया था। इस तरह की घंटी का अविष्कार करके अतुल ने ये संदेश देना चाहा है कि कोरोना काल में बंदिशें भले ही हट रही हैं, लेकिन सावधानी भी बहुत ही ज़रूरी है। 

बता दें कोरोना वायरस से थोड़ी राहत के बाद मंदिरों में भी अब श्रद्धालु की भीड़ आने लगी है, लोग शोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मंदिर में भगवान के दर्शन कर रहे हैं। इस दौरान थोड़ी सी भी की गई लापरवाही श्रद्धालुओं पर भारी पड़ सकती है। यही सोचकर हापुड़ निवासी अतुल जैन ने मंदिर की घंटी से फैल सकने वाले संक्रमण से बचाव का समाधान खोज निकाला।

अतुल जैन ने बिना छूए बजने वाली घंटी तैयार की है, इस घंटी को चंडी रोड स्थित श्री महावीर हनुमान मंदिर में लगाया गया है। अतुल ने बताया सेंसर के लेस ये घण्टी हाथ का इशारा मिलते ही बजने लगती है।

हैरानी की बात तो यह है कि हापुड़ के मोहल्ला चायकमाल निवासी अतुल अभी महज़ जैन मात्र 10वीं पास हैं और विदेशों में लगने वाली प्रदर्शनियों में माल बेचते हैं। 

समाज सेवा के कार्यो में भी अतुल जैन बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। अतुल बताते हैं कि कोरोना महामारी के बाद मंदिरों को जब खोला गया तो मंदिर की घण्टी से श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण न हो कपड़ा लपेट दिया गया। 

अतुल ने बताया बिना घंटा बजाए मंदिरों में शांति नहीं मिलती थी। भगवान के दर्शन भी अधूरे लगते थे जिसके लिए लॉकडाउन में उनके मन मे विचार आया के बिना छुए घंटी बनाई जाए। जिसके बाद लॉक डाउन में अतुल जैन इस काम में लग गए और एक-एक सामान को इकट्ठा किया डेढ़ महीने की मेहनत और करीब 12 हज़ार की लागत से अतुल जैन ने यह अविष्कार कर दिया।

अब लोग मंदिर में आते हैं और बिना छुए ही घंटी को बजाते हैं और धर्म लाभ लेते हैं। अतुल जैन द्वारा बनाई गई इस घंटी को देखने के लिए लोग दूर दूर से आ रहे हैं। अतुल जैन ने बताया के दिल्ली व बरेली के दो अन्य मंदिरों में भी मेरे द्वारा इसी तरह की घण्टी लगाई गई है। तथा हापुड़ के दूसरे मंदिरों में भी इसी तरह की घण्टी लगाई जाएगी। जिससे कोरोना वाइरस का खतरा श्रद्धालुओं के लिए कम हो जाएगा।

Jyoti

Advertising