Valentine week: करें प्यार का इजहार, ‘लव इन फर्स्ट साइट’ के छलावे से बचें

Wednesday, Feb 07, 2018 - 11:42 AM (IST)

जालंधर (शीतल जोशी): ‘छू कर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा, बदला ये मौसम लगे प्यारा जग सारा....’ गीत के बोल से यह तो स्पष्ट हो गया होगा कि मौसम ने अंगड़ाई ले ली है। दुनिया भर में प्यार के इजहार का अवसर 7 फरवरी से 14 फरवरी तक प्यार का मौसम यानी ‘वैलेंनटाइन वीक’ के रूप में शुरू होने जा रहा है जिसका हर युवा मन को बेसब्री से इंतजार रहता है। एक ओर युवा जहां अपने प्यार के इजहार के अंदाज को जिंदगी भर के अहसास के रूप में संभालने के लिए साल भर से सोच विचार कर रहे होंगे वहीं कुछ अभिभावक भी युवाओं की मनचली शरारतों पर शिकंजा कसने की तैयारी में होंगे। 


कब क्या मनाया जाएगा?

7 फरवरी : रोज डे

8 फरवरी : प्रपोज डे

9 फरवरी : चॉकलेट डे    

10 फरवरी : टैडी डे

11 फरवरी : प्रॉमिस डे

12 फरवरी : हग डे    

13 फरवरी : किस डे

14 फरवरी : वैलेंटाइन डे


क्या है प्यार?
‘प्यार’ का नाम लबों पर आते ही मन न जाने कितने कल्पनाओं के गोते लगाने लगता है। प्यार और नफरत दोनों अहसासों में प्यार में वह ताकत है जो नफरत को भी अपनी फितरत बदलने के लिए मजबूर कर देता है। प्यार का अहसास किसी के कहने से नहीं होता बल्कि यह तो ऐसा अहसास है, जिसके बारे में कहा जाता है कि ‘प्यार किसी को कब होता है, जब होना हो तब होता है।’ प्यार, इश्क, मोहब्बत के लिए किसी खास की तलाश नहीं की जाती। यह ऐसा अहसास है जो धीरे-धीरे शुरू होता है और जब इसके होने का अहसास होता है तब तक वह आम-सा दोस्त आपके लिए खास बन जाता है। दिल करता है कि हर समय आपका वह प्रिय आपके साथ रहे, उससे करने को हजारों बातें जहन में आएंगी, हजारों शिकायतें और शिकवे होंगे लेकिन उसके सामने आते ही सब कहीं छूमंतर हो जाएगा। बस मन में होगा कि एक-दूसरे को निहारते हुए यह समय यहीं थम जाए। प्यार का अहसास मौन रहकर जिंदगी को सकारात्मकता की ओर बढ़ाता है।

क्या होता है आकर्षण? 
‘प्यार’ और ‘आकर्षण’ दिल और दिमाग का खेल है, इसलिए इनमें फर्क जानना बहुत जरूरी है। आकर्षण में हम दूसरे के गुणों को जानने और समझने की बजाय ऊपरी दिखावे पर फोकस करते हैं। रियल फीलिंग्स और इमोशन्स की बजाय ‘फैंटेसी’ ज्यादा होती है। आकर्षण में रिलेशनशिप ज्यादा समय तक नहीं चल पाते।


प्यार और आकर्षण को पहचानें..
आकर्षण को प्यार समझने की भूल करने से बचें। प्यार जहां नि:स्वार्थ होता है, वहीं आकर्षण कुछ समय के लिए होता है। प्यार में जहां समय के बीतने का अहसास नहीं होता वहीं आकर्षण में रिश्ता निभाने का बोझ लगता है। प्यार में आप जहां एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं, दुख-सुख में खड़े रहते हैं वहीं आकर्षण में इसका अभाव होता है। 


पहली नजर के प्यार से संभलें
अक्सर लोग कहते हैं कि उन्हें ‘लव इन फर्स्ट साइट’ हुआ। प्यार चाहे सफल हो या न हो पर उसकी याद हमेशा दिल में जिंदा रहती है। यूनिवर्सिटी ऑफ नीदरलैंड में हुई रिसर्च के अनुसार पहली नजर का प्यार 46 प्रतिशत तक ही संभव हो सकता है जबकि उम्र बढऩे के साथ-साथ पहली नजर के प्यार की संभावनाएं भी बढ़ती जाती हैं। 18 से 25 की उम्र में पहली नजर के प्यार में युवाओं में सिर्फ शारीरिक आकर्षण ही था। इसलिए पहली नजर के प्यार से संभल कर रहना चाहिए।

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