शिंगणापुर कैसे पहुंचे शनिदेव?
Friday, Jul 01, 2016 - 07:45 AM (IST)
शनि महाराज ने कहा कि मैं पानस नाले में विग्रह रूप में मौजूद हूं। मेरे विग्रह को उठाकर गांव में लाकर स्थापित करो। सुबह इस व्यक्ति ने गांव वालों को यह बात बताई। सभी लोग पानस नाले पर गए और वहां मौजूद शनि का विग्रह देखकर सभी हैरान रह गए। गांव वाले मिल कर उस विग्रह को उठाने लगे लेकिन विग्रह हिला तक नहीं, सभी हारकर वापस लौट आए। शनि महाराज फिर उस रात उसी व्यक्ति के सपने में आए और बताया कि कोई मामा-भांजा मिल कर मुझे उठाएं तभी मैं उस स्थान से उठूंगा। मुझे उस बैलगाड़ी में बैठाकर लाना जिसमें लगे बैल भी मामा-भांजा हों। अगले दिन उस व्यक्ति ने जब यह बात बताई तब एक मामा भांजे ने मिल कर विग्रह को उठाया। बैलगाड़ी पर बिठाकर शनि महाराज को गांव में लाया गया और उस स्थान पर स्थापित किया जहां वर्तमान में शनि विग्रह मौजूद है। इस विग्रह की स्थापना के बाद गांव की समृद्धि बढ़ी और यहां दर्शन कर तैलाभिषेक करने वालों की खुशहाली बढऩे लगी।