आर्थर एशे: रखें सकारात्मक दृष्टिकोण, होगी हर मुश्किल आसान

Monday, Mar 19, 2018 - 11:12 AM (IST)

एक बार महान विम्बलडन विजेता आर्थर एशे को दंत चिकित्सा के समय ऐसा रक्त चढ़ा दिया गया जो एड्स से संक्रमित था। इससे वह विषाणुग्रस्त हो गए। आर्थर विश्व के नम्बर वन टैनिस खिलाड़ी थे। उनके खेल से लोग बेहद प्रभावित होते थे। उनके प्रशंसक दुनिया भर में थे। जब उन्हें यह ज्ञात हुआ कि आर्थर एड्स से पीड़ित हो गए हैं तो उन्होंने प्रार्थना सभाएं आयोजित करनी शुरू कर दीं। चिकित्सकों ने उन्हें परामर्श देना आरम्भ कर दिया।


आर्थर के कई प्रशंसक तो दिन-रात उनके लंबे जीवन की कामना ही करते रहते थे। प्रतिदिन उनके पास अपने प्रशंसकों की अनगिनत चिट्ठियां आती थीं। आर्थर सभी चिट्ठियां को बड़े प्रेम से पढ़ते थे और उनके जवाब भी देते थे। एक दिन उन्होंने एक पत्र खोला। उस पत्र में उनके एक बहुत बड़े प्रशंसक ने उनसे पूछा था, ‘‘ईश्वर ने इस भयंकर बीमारी के लिए आपको ही क्यों चुना?’’

 

इस पत्र को पढ़कर आर्थर मंद-मंद मुस्कुराए। उन्होंने उस पत्र का जवाब लिखना शुरू कर दिया। उस पत्र का जो जवाब आर्थर ने दिया उसने बहुत से व्यक्तियों को हिला कर रख दिया। इसके साथ ही लोगों में एक सकारात्मक संदेश भी गया। एशे ने लिखा था, ‘‘पूरे विश्व में 5 करोड़ बच्चे टैनिस खेलना शुरू करते हैं, 50 लाख खेलना सीख पाते हैं, 5 लाख पेशेवर टैनिस खिलाड़ी बनते हैं। 50 हजार लोग प्रतियोगिताओं तक पहुंच पाते हैं, 5 हजार ग्रैंडस्लैम में, 50 विम्बलडन में, 4 सैमीफाइनल में और केवल 2 फाइनल में पहुंचते हैं। इसके बाद इतने लोगों में विजेता कोई एक होता है। जब विम्बलडन कप की ट्राफी जीतने के बाद मैंने कभी ईश्वर से नहीं पूछा कि ‘मैं ही क्यों?’ तो आज पीड़ा के समय भी मुझे नहीं पूछना चाहिए कि ‘मैं ही क्यों?’ उनके सकारात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें बीमारी से लडने की शक्ति प्रदान की।

Punjab Kesari

Advertising