शास्त्र ज्ञान: इन कार्यों को करने से बदला जा सकता है भाग्य

Friday, Sep 02, 2016 - 10:56 AM (IST)

शास्त्रों में सुखी अौर श्रेष्ठ जीवन से संबंधित बहुत सारे नियमों अौर परंपराअों का उल्लेख किया गया है। इनका पालन करने से अक्षय पुण्य के साथ ही धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है अौर भाग्य की बाधाअों से मुक्ति मिलती है। 

 

विष्णुरेकादशी गीता तुलसी विप्रधेनव:।

असारे दुर्गसंसारे षट्पदी मुक्तिदायिनी।।

 

इस श्लोक में ऐसी बातों का उल्लेख किया गया है जिनका ध्यान रखने से परेशानियां दूर होती हैं अौर साथ ही भाग्य को भी बदला जा सकता है।

 

भगवान विष्णु का पूजन

जगत पालक भगवान विष्णु को ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और शांति के स्वामी माना जाता हैं। भगवान विष्णु के सभी अवतारों के पूजन से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष, की प्राप्ति होती है।

 

एकादशी व्रत 

एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। हिन्दी पंचाग के अनुसार हर महीने 2 एकादशी आती हैं। एक कृष्ण पक्ष अौर एक शुक्ल पक्ष में। दोनों ही पक्षों की एकादशी का व्रत रखा जाता है। श्रद्धा भक्ति अौर पूर्ण विधि विधान से एकादशी का व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

 

श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना

श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का नियमित पाठ करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। गीता पाठ के साथ इसमें लिखी बातों का जीवन में पालन करना चाहिए। कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व भगवान का ध्यान करने से सफलता मिलती है।

 

तुलसी की पूजा

घर में तुलसी का पौधा होना शुभ होता है। तुलसी की महक से वातावरण शुद्ध होता है। घर के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है अौर सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ौतरी होती है। तुलसी की नियमित पूजा करने से देवी लक्ष्मी अौर अन्य देवी-देवताअों की कृपा होती है।

 

ब्राह्मण का सम्मान करें

ब्राह्मणों का अपमान करने से जीवन में दुखों का सामना करना पड़ता है। ब्राह्मण ही भगवान अौर भक्त के मध्य कड़ी की अहम भूमिका निभाते हैं। ब्राह्मण पूजा-पाठ करवाते हैं अौर शास्त्रों का ज्ञान प्रदान करते हैं। ब्राह्मण दुखों को दूर करने अौर सुखी जीवन प्राप्ति के उपाय बताते हैं। ब्राह्मणों का सम्मान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

गाय की सेवा 

गाय में सभी देवी-देवताअों का वास होता है। गाय की सेवा करने से व्यक्ति पर सभी देवी-देवताअों की कृपा प्राप्त होती है। गोमूत्र, दूध अौर गोबर को पवित्र और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। विज्ञान ने भी इस बात को माना है कि गोमूत्र के नियमित सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से मुक्ति मिलती है। गाय न पाल सकें तो गोशालाअों में श्रद्धानुसार दान अवश्य करें।

 

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