कैसे करें श्राद्ध?

Tuesday, Sep 29, 2015 - 11:44 AM (IST)

जिस तिथि को किसी पूर्वज का निधन हुआ हो पितृ पक्ष में उसी तिथि को सूर्योदय से लेकर 12.24 के मध्य श्राद्ध करें। इससे पूर्व किसी सुयोग्य कर्मकांडी से तर्पण करा लिया जाए। सात्विक भोजन ही स्वयं किया जाए। यदि किसी कारण ब्राह्मण या कर्मकांडी उपलब्ध न हों तो आप स्वयं किसी नदी या तीर्थ स्थल या उचित स्थान पर भगवान सूर्य को ही पंडित मानकर पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान करें। 

सामग्री- सर्प-सर्पणी का जोड़ा, चावल, काले तिल, सफेद वस्त्र, 11 सुपारी, दूध, जल, माला। 

पूर्व या दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें। सफेद कपड़े पर सामग्री रखें। 108 बार माला से जाप करें या सुख शांति, समृद्धि प्रदान करने तथा संकट दूर करने की क्षमा याचना सहित पितरों से प्रार्थना करें। हाथ में जौ, तिल, चावल लेकर जल के साथ पितृ आत्माओं का नाम लेकर भगवान सूर्य को अर्पित करें। जल में तिल डाल कर 7 या 11 बार अंजलि दें। दीप जला कर अक्षत, पुष्प, मिष्ठान भी चढ़ाएं। पितरों के नाम का एक-एक नारियल चढ़ाएं। श्राद्धकर्ता को सिले हुए वस्त्रों की बजाय धोती लपेटनी चाहिए। यदि परिवार में पुरुष नहीं हैं तो महिलाएं भी पिंडदान कर सकती हैं।

शेष सामग्री को पोटली में बांध कर प्रवाहित कर दें। हलवा, खीर, भोजन, ब्राह्मण, निर्धन, गाय, कुत्ते, कौवे या किसी पक्षी को दे दें। 

Advertising