सावधान! ये अंजाम होता है दूसरों की बहन-बेटियों पर बुरी नजर रखने वालों का

Monday, Aug 17, 2015 - 04:29 PM (IST)

कुछ पुरूषों की आदत होती है आती-जाती महिलाओं पर बुरी नजर रखना और उनके बारे में मन में गंदी और गलत भावनाओं को रखना। जल्दी ही ऐसे पुरूषों का पतन हो जाता है आईए जानें क्या होता है उनका अंजाम

संत कबीरदास जी कहा करते थे की ईश्वर ने महिलाओं को आकर्षक बनाया है वे किसी को भी अपने आकर्षण में बांध सकती हैं लेकिन पुरूषों को उनके आकर्षण में बंधे बिना अपने काज पर ध्यान केंद्रित करना है।

कबीरदास जी कहते हैं कि, ''परनारी पैनी छुरी, मति कोई करो प्रसंग। रावन के दस शीश गये, परनारी के संग।। 

रावण ने देवी सीता का हरण किया था परिणामस्वरूप दशानन रावण का उसके कुटुंब सहित नाश हो गया।

अपनी पत्नि के अतिरिक्त किसी भी परस्त्री से संबंध केवल उस पुरूष का ही विनाश नहीं करते बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी दुख, संताप और शर्मिंदगी के घनघोर अंधकार में धकेल देते हैं। 

कबीरदास जी कहते हैं कि, ''परनारी पैरी छुरी, बिरला बाचै कोय। कबहूं छेड़ि न देखिए, हंसि हंसि खावे रोय।

किसी भी पराई महिला से आपके संबंध तभी घातक सिद्ध हो सकते हैं जब उसके प्रति आपके मन में वासना भरे भाव आएंगे और आप उनके साथ अपने घनिष्ठ संबंध स्थापित करेंगे तो यही से आपके पतन का मार्ग आरंभ हो जाएगा। बल और बुद्घि का क्षय हो जाएगा। सोचने, समझने और विचारने की शक्ति क्षीण हो जाएगी। महिलाओं के प्रति आदर, श्रद्घा और सम्मान दिल से करना चाहिए।

गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं की, ''नौनों काजर देह के, गाढै बांधे केस। हाथों मेंहदी लाय के, बाधिनी खाय देस।।''

अर्थात महिलाएं आंखों में काजल लगाकर, बालों को सजाकर और हथेलियों में हिना लगाकर अपने रूप लावण्य से समस्त संसार को अपने मोहपाश में बांध लेती हैं।

जिस पुरूष ने भी महिलाओं के रूप लावण्य में अपने आप को हार कर उसके प्रति अपना तन और मन समर्पित कर दिया उसका विनाश कोई नहीं रोक सकता। 

श्रीरामायण में प्रसंग आता है देवराज इंद्र ने देवी अहिल्या पर बुरी नजर डाली तो उसे स्वर्ग से हाथ धोना पड़ा। आधुनिक युग में जिस पुरूष ने परस्त्री संबंध कायम किया उसका परिवार तबाह हो गया।

Advertising