क्या है यह जीवन ?

Thursday, Jul 02, 2015 - 10:15 AM (IST)

आप किसी भी चीज को लेकर भयभीत हो सकते हैं । उदाहरण के लिए इस धरती पर छाया सबसे हानिरहित होती है लेकिन लोग छाया से डरते हैं । इसमें क्या किया जा सकता है? मृत्यु भी निरापद है, कोई कठिनाई नहीं है और उसे टाला नहीं जा सकता है । उसका डर सिर्फ इसलिए  है कि ये सब चीजें इसलिए नहीं हो रही हैं क्योंकि कोई मर रहा है । ये सब चीजें इसलिए हो रही हैं क्योंकि इनके पीछे अज्ञानता है ।अगर आप जीना चाहते हैं, तो आपको जीवन में दिलचस्पी होनी चाहिए ।

जीवन में दिलचस्पी होने का मतलब है कि आप यह जानने में रुचि रखते हैं कि यह जीवन क्या है ।जीवन में लिप्त होने का मतलब है कि आपने इसकी गहराई में जाना शुरू कर दिया है अगर आप इस जीवन की प्रकृति को समझ लें, तो ये बेकार की बातें आपके दिमाग से गायब हो जाएंगी ।किसी मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं, कई साज बजा सकते हैं, हम कोशिश कर सकते हैं कि कोई इंसान अपनी मौत के बारे में भूल जाए ।

उसे मरना तो है ही, मगर हम ऐसी स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं कि वह इसे भूल जाए ।अगर आप जीवन की प्रकृति को अपने अंदर समझते हैं या महसूस करते हैं तो ये मुद्दे आपके लिए कोई मायने नहीं रखते, यह हास्यास्पद है लेकिन आप जो भी जानते हैं,  वह सब सिर्फ आपके विचार होते हैं, और कुछ नहीं ।आप अपने विचारों और भावनाओं के अलावा जीवन को बिल्कुल भी नहीं जानते, इस स्थिति में मौत एक तकलीफदेह चीज होती है ।

आप कभी अपने मन में उसे स्वीकार नहीं कर सकते । है न?चाहे आप कुछ भी कर लें, आपकी सोच कभी इसे स्वीकार नहीं कर सकती । हम अभी कह सकते हैं कि आप जी रहे हैं या मर रहे हैं, यह अलग-अलग चीज नहीं है । आप वाकई मर रहे हैं ।अभी आप जी रहे हैं या मर रहे हैं, एक दिन दोनों प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी । इससे बचने की कोशिश में भय पैदा होता है जोकि एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है इसलिए मृत्यु से डरना नहीं चाहिए ।

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