अपने संन्यास को लेकर दिलशान ने दिया चौंकाने वाला बयान

Monday, Aug 29, 2016 - 02:31 PM (IST)

दांबुला: हाल ही में संन्यास लेने वाले श्रीलंकाई क्रिकेटर तिलकरत्ने दिलशान ने कुछ चौंकाने वाली बातें मीडिया के सामने रखी। जिसके बाद अब सवाल ये खड़ा होता है कि दिलशान क्या किसी चाल का शिकार हुए?

दिलशान ने रविवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला था और उसके बाद संन्यास ले लिया। हालांकि उन्होंने रिटायरमेंट के साथ ही अपनी टीम के पूर्व और मौजूदा खिलाडिय़ों के व्यवहार को लेकर भी सवाल उठा दिए।अप्रैल 2011 से जनवरी 2012 के बीच श्रीलंकाई टीम की कप्तानी को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चुनौती साथी खिलाडिय़ों का समर्थन नहीं मिलना रहा।  

नहीं मिली साथी खिलाडिय़ों की मदददिलशान ने कहा, ‘‘मुझे टीम की 10 महीने तक कप्तानी के दौरान कई चुनौतियां झेलनी पड़ी जिनमें कई टीम साथियों ने मेरी मदद नहीं की। वहीं अचानक से मुझे कप्तानी से हटा दिया गया जिससे मुझे काफी दुख पहुंचा।’’ दिलशान को कुमार संगकारा और माहेला जयवर्धने के संन्यास के बाद कप्तान बनाया गया था।   

जबरदस्ती दी कप्तानी
उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो कप्तानी नहीं लेना चाहता था लेकिन श्रीलंका बोर्ड अध्यक्ष ने मुझे करीब छह महीने तक इस पद को संभालने को कहा। दुर्भाग्य से उस समय तक मुथैया मुरलीधरन रिटायर हो चुके थे, नुवान कुलशेखरा भी चोटिल थे और अंजता मेंडिस भी चोटिल थे। टीम में बहुत अधिक खिलाड़ी नहीं थे। एंजेलो मैथ्यूज भी चोटिल हो गए थे और गेंदबाजी बंद कर दी। यह मेरा दुर्भाग्य था लेकिन जब मैं पद से हट गया तो मैथ्यूज ने भी गेंदबाजी शुरू कर दी।’’

मैथ्यूज पर उठाए सवाल
दिलशान ने मैथ्यूज पर अप्रत्यक्ष रूप से काफी सवाल उठाए और उनकी कप्तानी के दौरान गैर सहयोगात्मक रवैया रखने का भी आरोप लगाया। मैथ्यूज ने दिलशान की कप्तानी में 20 वनडे मैच खेले जिनमें केवल नौ में ही गेंदबाजी की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अचानक जिस तरह से हटाया गया उससे मैं काफी दुखी हूं लेकिन मैं निजी मुद्दों को नहीं उठाना चाहता हूं।’’

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